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________________ ७५ (३४१) । (३४१) एवं च साहिए भगवया तित्थयरेण पुच्छियं गणहर-देवेण भगवं, __ कहं पुण हिंसा भण्णइ' भगवया भणियं । 3 जीवो अणादि-णिहणो सो कह मारिज्जए जणेण इहं । देहतर-संकमणं कीरइ जएँ णाम तस्सेय ।। 5 एक्के भणंति एवं अण्णे उण वाइणो जहा सुहुमो । ण य सो केणइ जीवो मारिज्जइ णेय सो मरइ ।। 7 अण्णे भणंति पुरिसा सव्व-गओ एस तस्स कह घाओ । अण्णे पुण पडिवण्णा अणुमेत्तो केण सो वहिओ ।। 9 अवरे भणंति एवं उड्ड-गई किर जिओ सभावेण । अच्छइ देह-णिबद्धो जो मोयइ धम्मिओ सो हु ।। । अवरे भणंति कुगइच्छूढो अह एस अच्छइ वराओ । अह जोणि-विप्पमुक्को वच्चउ सुगईसु आवेओ ।। 13 अण्णे भणंति मूढा पुराण-घरयाउ पइसइ णवम्मि । को तस्स होइ पीडा देहतर-संकमे भणसु ।। 15 अण्णे भणंति पुरिसा एएणं मारिओ अहं पुल्विं । तेण मए मारिज्जइ दिज्जइ तस्सेय जो देइ ।। 17 अवरे विहियं ति इमं इमस्स जायस्स मरण-जम्मं वा । तं होज्ज अवसयं चिय मिस-मेत्तो मज्झ अवराहो ।। 19 अवरे भणति विहिणा एसो अह पेसिओ महं वज्झो । तस्सेव होउ पुण्णं पावं वा मज्झ किं एत्थ ।। 21 अण्णे पुण पडिवण्णा कम्म-वसो कम्म-चोइओ जीवो । कम्मेणं मारिज्जइ मारेइ य कम्म-परयत्तो ।। 1) P तित्थंकरेण, J गणधर. 2) P inter. कहं & पुण. 3) P अणाइ, P सो किर माणिज्जए जणिण इहं. 4) J जाण माण for जएँ णाम, P जय for जए. 5) J पुण for उण, P वाइणा. 6) P खेण वि for केणइ, P adds त्ति after मरइ. 7) P को for कह. 8) P अवरे उण for अण्णे पुण, J अणुमेत्ता. 9) P एयं उड्डगती, P सहावेण. 10) P जो मायाइ, P साहू for सो हु. 11) J कुगई०. 12) J विप्पवुत्तो, P मुच्चइ for वच्चउ, P सुगइ सुयावेयो. 15) P पुव्वं. 16) P om. दिज्जइ, P वेइ for देइ. 17) J जीवस्स for जायस्स. 18) J होइ for होज. 20) J तस्सेय P तस्सेव, P जोओ for होउ. 21) P उण for पुण, P पडिवन्नो. 22) P परियत्तो.
SR No.022709
Book TitleKuvalaymala Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages246
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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