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________________ ६४ (२०६) 1 च, कहिंचि णव-वहु-जइसिया तड-तरुयर-घण-साहा-लयावगुंठण-णीसद्द गइ-पयारा व, कहिंचि वेसा-विलय-जइसिया हरि-णहर-णिदउल्लिहिय-मत्त3 मायंग-कामुय-दंत-जुयलंकिय व, कहिंचि वासय-सज्ज-जइसिया मघमघेत सुरहि-कुसुम-गंधड्ड-फुरमाण-बिंदु-माहर व, कहिंचि पउत्थवइ-जइसिय 5 पल्हत्थिय-कमल-वयण-आवंडुर-पओहरय त्ति । अवि य । उच्छंगम्मि णिवण्णं चुंबइ तड-पायवग्ग-वयणेहिं । 7 णवि णज्जइ किं धूया किं दइया होज्ज विंझस्स ।। जीए य महामल्ल-सरिसइं कर-कत्तरी घाएहिं जुज्झति मत्त-मायंग-जूहई, 9 कहिंचि दुप्पुत्त-सरिसई महा-कुलुम्मूलण-ववसियई, कहिंचि गाम-डिंभरूय सरिसइं जल-कीला-वावडई, कहिंचि तड-परिणय-पायवडियई णजंति 11 कुविय-दइया-पसायणोणयई ति । अवि य । ____णवि णज्जइ किं दइया सहोयरा होज्ज किं व एयाण । 13 किं जणणि च्चिय रेवा होज व धाई गय-कुलाण ।। ___कहिंचि मच्छ-पुच्छ-च्छडा-घाउच्छलंत-पाणिया, कहिंचि तणुय-तंतु15 हीरमाण-मत्त-हत्थि-संकुला, कहिंचि महा-मयर-कराघाय-कुविय-मत्त-वण महिस-कलुसिया, कहिंचि पक्कल-ग्गाह-गहिय-गंडयाउला, कहिंचि कुम्म17 पट्ठि-उल्लसंत-विद्दुम-किसलयालंकिया, कहिंचि वेला-वसागय-पोमराय रयण-रंजिय-जला, कहिंचि परिप्पयंत-चक्कवाय-जुवलुक्कंठ-णिज्जिया, कहिंचि 19 सर-सर-सरंत-कंत-सारसाउला, कहिंचि तुंग-तरंग-रंगंत-सिप्पि-संपुडा, कहिंचि चंड-पवण-पहय-कल्लोल-माल-हेला-हीरमाण-पक्खि-गणा, कहिंचि 21 मत्त-मायंग-मंडली-मज्जमाण-गंडयल-गलिय-मय-जल-संदोह-बिंदु-वंद___णीसंद-परिप्पयंत-चंदय-पसाहिय त्ति । अवि य । 1) J जइसिअ, P नवहुसिया तड, J तरूण for तड, P om. घण, P गुंठणानीसद्द. 2) J गयप्पयार व, P वियलिय for विलय, J जइसिअ, J दुल्लिहिअ for उल्लिहिय. 3) P जुयलंकियं कहिं चि, J जइसिय. 4) P गंध for गंधड्ड, J फरसाण for फुरमाण, P पउत्थवइजइसियपल्लत्थियवयणकमल. 5) J आवण्डु P आवंदु रपओहर व्व त्ति. 6) P उत्संगति, P तुह for तड, P नयणेहिं for वयणेहिं. 7) P नज्जिय for णज्जइ. 8) P वा for य. 9) P कुलम्मूलण. P डिंभरूय. 10) J पायवडिअई । णज्जइ, P पायवडई । नजंति. 12) P दयया. 13) P धाती for धाई. 14) P मच्छपुच्छडा, J घायुच्छलंतपाणिअ, P तणुतंतु. 15) Jom. वण. 16) J पज्जल for पक्कल, P गंडलाउला. 17) Jom. लंकिया, J वेलोवसा०. 18) P परिपयंत, J जुअलुकुंठ. 19) P सरसरत्तकंत, Jom. कंत. 20) P वेण्ड for चंड, J माला for माल, Jom. हेला. 21) P बिंदुविंदणसिंद.
SR No.022708
Book TitleKuvalaymala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages240
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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