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(२७३) 1 भणिए गणएणं, णरवइणा वि तह' त्ति पडिवज्जिय ‘कल्लाणं' ति भणमाणेण
णिवेइयं तं कुमारस्स । ‘कुमार वच्छ, बहुयं कालंतरं तुह कुवलयमालाए 3 णियय-विण्णाण-सत्त-सहाव-पुव्व-जम्मज्जियाए वि विओग-दुक्ख-वित्थरो
कओ । ता संपयं इमीए पंचमीए गेण्हस परम-कल्लाण-मंगलेहिं गुरूणं 5 आसीसाए देवाण पहावेणं से कर करेण बालियाए' त्ति । कुमारेण भणिय जहा
महाराओ आणवेइ' त्ति । णिवेइयं कुवलयमालाय वि तओ हियय-दइय-संगम7 सुहल्लि-वयणायण्णण-पहरिस-वसूसलंत-रोमंच-कंचुइजंत-सललिय-मुणाल
णाल-ललिय-कोमल-बाहलया चिर-चिंतिय-संवयंत-मणोरहाऊरमाण9 हियय-हलहला भुयणे वि माइउं ण पयत्ता । किंचि तम्मि रायउले कीरिउं पयत्तं।
अवि य मुसुमूरिजंति धण्णाई, पुणिज्जंति सहिण-समियाओ, सक्कारिजंति 11 खंड-खज्जाई, उयक्खिजति भक्खाई, आहरिज्जति कुलालई, कीरति मंच
सालाओ, विरइजंति धवलहरइं, रइज्जए वर-वेई, कीरति उल्लोयई, परिक्खिजंति 13 रयणाई, उप्पिजंति तुरंगमा, पणामिजंति करिवरा, णिमंतिज्जए रायलोओ,
पेसिज्जंति लेह-वाहयए, आमंतिज्जए बंधुयणो, मंडिज्जए भवणोयरं, धवलिजंति 15 भित्तीओ, घडिजए कलधोयं, वविजंति जवंकुरा, णमंसिजंति देवयाओ,
सोहिजति णयर-रच्छाओ, फालिजंति पडीओ, सीविजंति कुप्पासया, कीरति 17 धयवडा, रइजति चारु-चामरी-पिच्छ-पब्भारइं ति सव्वहा
सो णत्थि कोइ पुरिसो महिला वा तम्मि णयर-मज्झम्मि । 19 जो ण विहल्लप्फलओ कुवलयमाला-विवाहेण ।।
सो को वि णत्थि पुरिसो कुवलयचंदो ण जस्स हिययम्मि । 21 ण य सा पुरीए महिला कुवलयमाला ण जा भरइ ।।
(२७४) एवं च होंत-विवाह-महसव-वावडस्स जणस्स संपत्तो सो
2) P om. तं, Jom. कुमारवच्छ. 3) P सत्तसुहाव, J विउअ for विओग. 5) P जइ महाराय. 6) P कुवलयमालाइ वि. 7) P वसुच्छलंत, J सयल for सललिय P om. णाल. 8) P सयवत्त for संवयंत. 9) P हलाहला, P माइओ ण, J किंच for किंचि. 10) P मुणिजंति for पुणिजंति, P समिओ सक्करिजंति. 11) Jखज्जई, P खंडकजादि उयकिजंति, J भक्खयं. 12) P वियलिजंति धवलहर इज्जएवेती ।, J रइजवरवई, P उल्लोवई. 13) J रयणइं. 14) P लेहवाहया, P सवणोयरं for भवणों. 15) P भित्तीए, P कलहोय, P ठविज्जति, J गजकुरा for जवकुरा, J देवया. 16) P सोहरिजंति देवयाओ णयर, P पयडीओ. 17) J चमरी पिंछे. 18) P को वि पुरिसो, Jणयरि. 20) P inter. ण (न) त्थि and कोवि. 21) J पुरीय, P महियला, P कुवलयमाला ण. 22) P महुस्सव.