________________
१८२
(२७२) 1 दीसंति के वि पहिया कर-जुवल-णियंसणा फुडिय-पाया । __गोसे मग्गालग्गा वाएंता दंत-वीणाओ ।। 3 बाहोगलंत-णयणा रहसुव्वेलंत-बाहुणो केइ ।
चिर-दिट्ठ-बंधवं पिव धम्मग्गिं कह समल्लीणा ।। 5 मल-खउरियंगमंगा तणुया णिकिंचणा मइल-वासा ।
दीसंति के वि रिसिणो व्व धम्म-रहिया परं पहिया ।। 7 अवि य । जम्मि य काले
हिम-सत्तु-णिहय-सीसं सयलं दद्दूण काणण सहसा । 9 सिय-कुसुम-दसण-सोहं खलो व्व कह विहसिओ कुंदो ।।
किं च । मंजरिजति पियंग-लयउ, वियसंति रोद्ध-वल्लरीओ, विसदृति तिलय11 मंजरीओ, उवगिजति महर-मयरंद-वंद-णीसंद-पाण-मय-मत्त-मउय-मणहर
गीयाबद्ध-मंडली-विलास-महुयरी-भमर-जुवाणेहिं मघमघेत-मल्लियउ त्ति । 13 सव्वहा
कालम्मि तम्मि को वा ण भरइ धणिओवऊहण-सुहाणं । 15 णाणंकुस-रुद्ध-मणे एक्के पर साहुणो मोत्तुं ।।
तम्मि य काले को कत्थ समल्लीणो त्ति । कालायरु-कुंकुम-सुगंध-सयणोयरेसु 17 ईसर-जुवाणया, धम्मग्गि-धमण-पयावण-तप्परा पंथ-कप्पडिया, जर-मंथर
कंथा मेत्त-देहया जुण्ण-धम्मिया, तण-पलाल-खल-एक्क-सरणा कासया, 19 खल-तिल-कथा-जीवणाओ दुग्गय-घरिणीओ, मुम्मुर-करीसग्गि-समाकडण
वावडई दरिद्द-डिंभरूयई, थोर-थणवट्ट-कलत्त-वच्छयल-संपुड-सुह-पसुत्तइ 21 पुअंड-मंडलई ति । अण्णं च पंचग्गि-ताव-तवियंग-महामुणि-जइसिय जर__डोंब-थेरय, सिसिर-पवण-पहय-विमल-जल-पहल्लमाण-वीई-तरंग-भंग
1) P णियंसणे. 2) P गोसग्गिमग्गलग्गा वायंता. 3) J बाहोअलंत केवि ।. 5) P णिकंचणा. 7) P om. जम्मि य काले. 8) J om. सयलं. 9) P व्व कुहविलसिओ कंदो. 10) J मंजरिजंत, P पियंगुलयाओ. 11) P उवग्गीजति, P मणहरं. 12) P महुरीभवणजु०, P मघमघेति मल्लियाओ. 14) P धणिओवगृहणाणाणं. 15) P रुद्धमणो, P पुण for पर. 16) P य का कत्थ, J सुअंध. 17) J रमियइ for ईसर, J जुआणया, P धम्मत्थिधमण, J जरकंथर. 18) J मेत्तदेवया, P देहया अजाहम्मिया, P कासवा. 19) J कत्थ for कंथा, P करिसग्गि, J समाकड्ढवावडई. P समायट्टणवावारइं. 20) J डिंभभूअइं P डिंभरुयई, J वच्छयला P वच्छयर. 21) P मंडलयं, J तविअयमहा, P सय for जइसिय. 22) P om. जल, P वीइ.