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________________ (२५४) १५३ । संबंधो, कुवलयमालाए पुव्व-जम्म-णेहोवलंभो, अम्ह घरागमणं कुमारस्स, उद्दाम-जयकुंजर-लंघणं, दिव्व-कुसुम-वुट्ठि-पडणं, पादय-पूरणं च । सव्वं चेय 3 इमं अच्छरियं । सव्वहा परिणाम-सुह-फलं किं पि इमं ति । तेण वच्चह तुब्भे आवासं,वीसमह जहा-सुहं। अहं पि सद्दाविऊण गणयं वच्छाए कुवलयमालाए 5 वीवाह-मास-दियह-तिहि-रासि-णक्खत्त-वार-जोय-लग्ग-मुहुत्तं गणाविऊण तुम्हं पेसेहामि' त्ति भणमाणो राया समुट्ठिओ आसणाओ । कुमारा वि उवगया 7 आवासं कय-संमाणा । तत्थ वि सरहसमइमग्ग-पयत्त-गइ-वस-खलंत चलणग्ग-मणि-णेउर-रणरणा-सणाह-मेहला-सद्द-पूरमाण-दिसिवहाओ 9 उद्धाइयाओ विलासिणीओ । ताहिं जहा-सुहं कमल-दल-कोमलेहिं करयलेहिं पक्खालियाई संख-चक्कंकुसाइ-लक्खण-जुयाइं चलणयाई, समप्पियाओ य 11 दोण्हं पि पोत्तीओ । अवि य । ___णेहोयग्गिय-देहा सुपरिस-फरिसोगलंत-रुइरंगी । 13 पोत्ती रत्ता महिल व्व पाविया णवर कुमरेण ।। तओ सय-सहस्स-पाएहिं बहु-गुण-सारेहिं सिणेह-परमेहिं सुमित्तेहि व तेल्ल15 विसेसेहिं अब्भंगिया विलासिणीयणेण, उवट्ठिया खर-फरुस-सहावेहि सिणेहावहरण-पटुएहिं खलेहिं व कसाय-जोएहिं, ण्हाणिया य पयइ-सत्थ17 सीय-सुह-सेव्व-सच्छेहिं कलंकावहारएहिं सज्जण-हियएहिं व जलुप्पीलेहिं, दिण्णाणि य सुरहि-परिमलायड्डिय-गुमुगुमेंत-भमर-बलामोडिय-चरण-चुंबियाई 19 गंधामलयाई उत्तिमंगे । तओ एवं च कय-इट्ठ-देवया-णमोक्कारा, भोत्तूण भोयणं सुह-णिसण्णाणं आसणेसु किं-किं पि चिर-विओय-संभरंताण समागया एक्का 21 राय-कुलाओ दारिया । तीय पणाम-पच्चुट्ठियाए साहियं । ‘कुमार, वच्छाए __ कुवलयमालाए गणिए गह-गोयरे गणएण ण ठवियं सुज्झमाणं लग्गं अज वि 1) J संबद्धो. 2) P पाययपूरण. 3) J अच्छरीयं. 5) P विवाह, J दिअहं, P गणामिऊण. 7) J सरहसगइमग्ग, P वइस for वस. 8) P रणरणो. 9) P उट्ठाइयाओ, P om. जहा, Jom. दल. 10) P om. लक्खणजुयाई, P चलणाई, P om. य. 12) J देहो, P सुवुरिस, J फरिसोअलंत. 13) P adds त्तीरत्ता after रत्ता. 14) P पणिया for परमेहिं, P om. सुमित्तेहि व etc. to ण्हाणिया. 16) JP सच्छसीअ. 17) J सज्झाण and P सज्जए हियए for सज्जण. 18) P गुमुमुमेंत. 19) P नमोक्कारो. 21) P पब्भुट्टियाए. 22) JP गणए (Perhaps गणएँ) for गणएण (emended), P @वियं for ठवियं, J •माणलग्गं.
SR No.022708
Book TitleKuvalaymala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages240
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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