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________________ (६८) णिच्चल-णयण - जुयं चिय कुवलय - संकाए जत्थ अहिलेइ । अगणिय-केयइ-गंधा पुणो पुणो भमर - रिछोलीं ।। महुयर-रिंछोलि-मिलंत-भमर - रुणुरुणिय - सद्द - जणिए । मयणेण जुवाण-जणो उक्कंठुलयं रुणुरुणे ।। इय किंचि-मेत्त-कारण-परंपरुप्पण्ण-कज्ज- रिछोली । जम्मि ण समप्पइ च्चिय विम्हय - रस - गब्भिणा णवरं ।। 5 1 3 भवण-‍ 7 जत्थ य पिसुणिज्जंति सालि-तृण-महाखलेहिं कलम - रिद्धीओ, साहिज्जंति सुर- मंडवेहिं जणस्स धम्म - सीलत्तणाई, सीसंति उच्छिट्ठाणिट्ठ- मल्लएहिं 9 गाम-महा-भोज्जाइं, उप्पालिज्जंति उद्ध-भुय - दंड - जुवल - सरिसेहिं केवलजंतवाएहिं उच्छुवण-सामग्गीओ, लंघिज्जंति महा-समुद्द - सच्छमेहिं तलाय11 बंधेहिं जणवय-विहवई पि, सूइज्जंति जत्थ पडिप्पवा - मंडवासत्तायारेहिं दाण वइत्तणाइं, वज्जरिज्जंति खर - महुर - फरुस - महाघंटा -सद्देहिं गोहण-समिद्धीओ 13 त्ति । जहिं च दिय - वर - खंडियाई दीसंति कमल- - केसर विलासिणीयण - अहरयं व, राय-हंस-परिगयाओ दीसंति महत्थाण - मंडलीओ दीहियाओ व, कीलंति 15 राय -सुया पंजरेसु रायंगणे व, दीसंति चक्कवायाई सरिया - पुलिणेसु रहवरेसुं व, सेवंति सावया महारण्णाइं जिण-भवणई व त्ति । अवि य । सरिया-जल-तरलच्छं सरोद्ध-तिलयं तमाल-धम्मेल्लं | सुद्ध-दिय-चारु-‍ रु- सोहं व वहइ धरणी तं सं ।। ि (६८) तत्थत्थि पुरी रम्मा कोसंबी सग्ग - णयर - पडिबिंबा | तुंगट्टालय-मंदिर - तोरण- सुर-भवण - सोहिल्ला ।। I धवलहर - सिहर-व र - काणण - भममाण- पवंग - जणिय - लच्छीए । कीलासेलं ति इमं जीय णिसम्मति गयणयरा || 17 19 ७३ 21 3) P महुरवर, J भमिर. 4) P उक्कुट्टुलयं रुणरुणइ. 7 ) P तत्थ for जत्थ, P तण for तृण (a line is added here on the margin). 8) P सीलत्तणई, P मल्लेहिं सि गाम . 9) P भोज्जइं, P उप्फालिज्जंति उद्द, P कंबल for केवल. 10) P उत्थुरयणसमग्गिओ संघिज्जंति. 11 ) Pom. पि, J सुणिज्जंति, P तत्थ for जत्थ, P मंडवसप्पायारेहिंतो पावइत्तणई. 12 ) P वयरिज्जंति, P घंट. 13) P जहिं विदियखरखंडियइं, P विलासिणी अहरई. 14 ) Jom. व, P परिगयओ, P महत्थाणि, P दीहिअउव्व, J य for व. 15) P सुयसु पंजरीयरेसु रायंगणेसुं, P चक्कवाइवई, P पुलणीसु. 16) P सावयमहारन्नई, Jom. अवि य. 18) J सोहव्व, P सुहं च for व वहइ. 19) J कोसंबि. 20) P भवणे. 21 ) P सिह .
SR No.022707
Book TitleKuvalaymala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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