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(११२) | माया-मणेण एएण जं कयं तं णिसामेहि ।।
(१११) अत्थि बह-गाम-कलिओ उजाण-वणंतराल-रमणिज्जो । 3 आढत्त-महाभोज्जो भोज्ज-सउग्गीय-गोज्जयणो ।।
जो य रेहइ णिरंतर-संठिएहिं गामेहिं, गामई मि रेहंति तुंग-संठिएहिं देव-कुलेहि, 5 देवउलई मि रेहति धवल-संठिएहिं तलाएहि, तलायई मि रेहति पिहुल-दलेहि
पउमिणी-संडेहिं, पउमिणि-संडई मि रेहति वियसिय-दलेहिं अरविंदेहि, 7 अरविंदई पि रेहति मह-पाण-मत्त-मुइय-महयर-जुवाणएहिं ति ।
इय एक्केक्कम-सोहा-संघडिय-परंपराए रिंछोली ।। 9 जम्मि ण समप्पइ च्चिय सो कासी णाम देसो त्ति ।।
तम्मि य णयरी अइ-तुंग-गोउरा कणय-घडिय-वर-भवणा । 11 सुर-भवण-णिरतर-साल-सोहिया सग्ग-णयरि व्व ।। ___ जहिं च णयरिहिं जणो देयणओ अत्थ-संगह-परो य, कुणंति विलासिणीओ 13 मंडणइं अमय-वियारइं च, ण सिक्खविजंति कुलयण-लज्जियव्वइं गुरुयण
भत्तिओ य, सिक्खविज्जति जुवाणा कला-कलावई चाणक्क-सत्थई च । 15 अवि य ।
जा हरिस-पणय-सुरवइ-मउड-महा-रयण-रइय-चलणस्स । 17 वम्मा-सुयस्स जम्म-णयरी वाणारसी णाम ।।
(११२) तीय य महाणयरीए वाणारसीए पच्छिम-दक्खिणे दिसा-विभाए 19 सालिग्गामं णाम गाम । तहिं च एक्को वइस्स-जाई परिवसइ गंगाइच्चो णाम ।
तम्मि य गामे अणेय-धण-धण्ण-हिरण्ण-सुवण्ण-समिद्ध-जणे वि सो च्चेय 21 एक्को जम्म-दरिदो । कुसुमाउह-सरिसमसरिस-रूव-परिसयणे वि सो च्चेय एक्को विरूओ । महु-महुर-वयण-ग्गाहिरे वि जणम्मि सो चेय एक्को दुव्वयण-विसो ।
1) P मायामएण, P निसामेह. 3) J भोज्जसयागीय, P गोज्जइणो. 4) J गामइम्मि, P गामाइंमि चिय रहिंति, Jom. रेहति. 5) P देवउलेहि देवलई चिय रेहति तलसिंठिएहं तलाएहिं तलाई चिय रेहंति. 6) P संडई वि, P अरवंदेहिं. 7) P मइय for मुइय, J जुवाणेहिं. 10) J णअरीए P नयरीए for णयरी, J गोपुरा. 12) P जेहं चिय for जहिं च. 13) P मंडणइं मयणवियारियं च सिक्खंति कुल०. 14) P भत्तिउव्व सिक्ख०, P जुवाणकला०, P माणिक्क for चाणक्क. 15) P om. अवि य. 16) P नरवइ for सुरवइ. 17) Jणामा. 18) P om. य, P दिसाभाए. 19) P वइसजाई. 20) P om. य, P अण्णेय, Jom. सुवण्ण, P समिद्धे जिणे सो. 21) P कुसुमसरिस, Jom. •मसरिस, P पुरिसयणो, J चेय एको. 22) P गहिरे, P व for वि, P जणम्मि, P सो च्चिय.