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________________ (८१) 1 रंडा दूभग तह दुक्खिया य बंभं धरेमाणी ।। सीउण्ह-खुप्पिवासाइएहिँ अवसस्स णिज्जराए उ । 3 तिरियाण य मणुयत्त केसि पि अकाम-वसयाण ।। दारिद्देण वि गहिया धणिय-परद्धा तहा सया थद्धा । 5 सणियाणं पडिऊणं मरंति जलणे जले वा वि ।। जे पर-तत्ति-णियत्ता णवि थद्धा णेय दोस-गहण-परा । 7 ण महारंभ-परिग्गहण-डंभया णेय जे चोरा ।। ण य वंचया ण लुद्धा सुद्धा मुद्धा जणे ण दुस्सीला । 9 मरिऊण होंति एए मणुया सुकुले समिद्धे य ।। जे उण करेंति कम्मं णरय-तिरिक्खत्तणस्स जं जोग्गं । 11 पच्छा विरमंति तहिं कुच्छिय-मणुया पुणो होति ।। मणुयाउगं णिबद्धं पुव्विं पच्छा करेंति जे पावं । 13 ते णरय-तिरिक्ख-समा पुरिसा पुरिसत्थ-परिहीणा ।। __णरणाह इमे पुरिसा तिरिया वा एय-कम्म-सजुत्ता । 15 देवा णेरइया वा मरिउ मणुयत्तणे जति ।। जायंति कम्म-भूमीसु अहम-भूमीसु के वि जायंति । 17 आरिय-जणम्मि एक्के मेच्छा अवरे पुणो होति ।। सक-जवण-सबर-बब्बर-काय-मुरुंडोड्ड-गोंड-कप्पणिया । 19 अरवाग-हूण-रोमस-पारस-खस-खासिया चेय ।। डोंबिलय-लउस-बोक्कस-भिल्ल-पुलिंदध-कोत्थ-भरख्या । 21 कोंचा य दीण-चंचुय-मालव-दविला कुडक्खा य ।। किक्कय-किराय-हयमुह-गयमुह-खर-तुरय-मेंढगमुहा य । 1) P रंडायर दुब्भगा दु. 2) P वासाइयाउ अवसस्स. 3) J वि for य. 4) J व for वि, P इद्धा for थद्धा. 7) J परिग्गहडंभया. 9) P सुकुले सुमिद्धे. 10) P जे पुण. 12) J मणुआउअं, P पुच्छी पुच्छा करेंति. 16) J अकम्म for अहम. 18) J सय for सक. 19) P खसखोसिया, P चेव. 20) P डोंबय, J वोक्कस P बोक्कस्स, J पुलिंध अंध, P पुलिंदव्वकोंचभमररूया. 21) P य वीण, P कुलक्खा . 22) P किक्कयकराय, P हयमुहा गयमुहा, JP तुरया.
SR No.022707
Book TitleKuvalaymala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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