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________________ शूरसेन जनपद में जैन धर्म का विकास 36. ध्यानस्थ तीर्थंकर : 5वीं शती ई., कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 104 1 xxii 37. ध्यानस्थ तीर्थंकर : 5वीं शती ई., कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 119 । 38. ध्यानस्थ पार्श्वनाथ : 981 ई., कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 143 । 39. ध्यानस्थ पार्श्वनाथ : 10वीं शती ई., कागारोल (आगरा), राजकीय संग्रहालय, मथुरा, क्रमांक, 40.2874। 40. ध्यानस्थ सर्वतोभद्रिका : 11वीं शती ई., कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 236 । 41. ध्यानस्थ नेमिनाथ : 12 वीं शती ई., मथुरा, राजकीय संग्रहालय, मथुरा, क्रमांक, 00B.77। 42. ध्यानस्थ तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ : 12वीं शती ई., आगरा, राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक J776 1
SR No.022668
Book TitleShursen Janpad Me Jain Dharm Ka Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSangita Sinh
PublisherResearch India Press
Publication Year2014
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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