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________________ शूरसेन जनपद में जैन धर्म का विकास 10. चक्रयुक्त आयागपट्ट : प्रथम शती ई., कंकाली टीला, राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 248 11. तोरण द्वार : पूर्व कुषाण काल, कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक J 5671 12. तोरण द्वार (सामने का दृश्य) : पूर्व कुषाण काल, कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J535। 13. जैन तीर्थंकर नेमिनाथ : कुषाण काल, अज्ञात, राजकीय संग्रहालय, मथुरा, क्रमांक, 34.2488। 14. कायोत्सर्ग अरिष्टनेमि : कुषाण काल, मथुरा, राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J8 15. ध्यानस्थ नेमिनाथ : कुषाण काल, मथुरा, राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 117 16. ध्यानस्थ नेमिनाथ : कुषाण काल, कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 6 । 17. जैन प्रतिमा : कुषाण काल, कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय लखनऊ, क्रमांक, J 623 । 18. जैन-त्रिरत्न : कुषाण काल, कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 659। 19. जैन स्थापत्य खण्ड : कुषाण काल (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, B 207। 20. ध्यानस्थ तीर्थंकर : कुषाण काल, मथुरा, राजकीय संग्रहालय, मथुरा, क्रमांक, OOB.63 21. हरिनेगमेषी : कुषाण काल, मथुरा, राजकीय संग्रहालय, मथुरा, क्रमांक 2547। 22. ध्यानस्थ तीर्थंकर : कुषाण काल, कंकाली टीला (मथुरा), राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक, J 15।
SR No.022668
Book TitleShursen Janpad Me Jain Dharm Ka Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSangita Sinh
PublisherResearch India Press
Publication Year2014
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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