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________________ संमूर्छिम मनुष्य : आगमिक और पारंपरिक सत्य परिशिष्ट - ४ श्रीरामलालजी महाराज लिखित 'संमूर्छिम मनुष्य : आगमिक सत्य' नामक लेख जय गुरु नाना जय महावीर जय गुरु राम श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ (राजस्थान संस्था रजिस्ट्रीकरण 1958 के अन्तर्गत रजिस्टर्ड) - क्रमांक........... दिनांक. 01/12/2016 स्थान "मा हलासमल संचेती राष्ट्रीय अध्यक्ष 609414451333 30771-2532091 email : vijaysancheti32 @gmail.com पू. आचार्यश्री वि. यशोविजयसूरीश्वरजी म.सा., आदि ठाणा के चरणों में वंदना एवं सुख-साता पृच्छा। सामिछम मनुष्यों की उत्पत्ति, विराधना एवं प्रायश्चित्त आदि के सम्बन्ध में आगमादिक पल आधारों से आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलाल जी म.सा की जो विचारणा का वह संलग्न पृष्ठों में निवेदित की जा रही है। सम्पतराज रांका राष्ट्रीय महामंत्री 6096190 31008 2022-61936000 2022-61936014 0022-61936001 email : sampatjain1969 @gmail.com Sampat Ja (सम्पतराज रांका) . राष्ट्रीय महामंत्री (श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ) सुन्दरलाल सिपाणी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष 6088847 10687 2080-25589183 email : sipanienter @gmail.com प्रधान कार्यालय समता भवन आचार्य श्री नानेश मार्ग, नोखा रोड़, बीकानेर-334401 (राज.) फोन : 0151-2270261-62, 2270359, फैक्स नं.: 0151-2270359 email: absjsbkn@yahoo.co.in, Visit us: www.shriabsjainsangh.com धार्मिक एवं शैक्षणिक केन्द्र आचार्य श्री नानेश ध्यान केन्द्र, राणाप्रताप नगर, पदिमनी मार्ग, उदयपुर (राज.) फोन : 0294-2490306, फैक्स नं.: 0294-2490717 email : asndkudaipur@gmail.com
SR No.022666
Book TitleSamurchhim Manushuya Agamik Aur Paramparik Satya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijaysuri, Jaysundarsuri
PublisherDivyadarshan Trust
Publication Year
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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