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________________ 68 तिलकमञ्जरी में काव्य सौन्दर्य पात्र काव्य समाज का प्रतिबिम्ब होता है। इससे तत्कालीन समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों का ज्ञान होता है। कवि पात्रों के आचार, व्यवहार, विचारों आदि के माध्यम से ही समाज के विभिन्न वर्गों की विशेषताओं को प्रतिबिम्बित करता है। इसलिए काव्य की सभी विधाओं में पात्रों को महत्वपूर्ण तत्त्व माना जाता है। किसी काव्य रचना की सफलता उसके पात्रों के सफल चित्रण पर आश्रित होती है। पात्रों का अवलम्बन करके ही कथावस्तु पल्लवित व पुष्पित होती है। इसलिए पात्रों को कथानक का मेरूदण्ड भी कहा जाता है। कवि पात्रों के माध्यम से उस युग के जीवन व समाज का जीवन्त चित्रण करता है। विभिन्न पात्रों की विभिन्न प्रकार की वेशभूषा, क्रियाकलापों व वार्ता से उनकी वैयक्तिक व वर्ग विशेषगत विशेषताओं का ज्ञान होता है। कवि अपने पात्रों का चुनाव बड़ी कुशलता से करता है। क्योंकि सफल कवि वही होता है, जिसके पात्र से पाठक का तादात्म्य स्थापित हो जाए और वह पात्र विशेष के सुख-दुख का स्वयं भी अनुभव करे। धनपाल ने भी बड़ी कुशलता से तिलकमञ्जरी के पात्रों का चयन कर, उनकी चारित्रिक विशेषताओं को सफलता पूर्वक उभारा है। इन पात्रों में कुछ पात्र देवलोक से संबंध रखते है और कुछ भूलोक से। कुछ पात्रों में देवताओं और मानवों दोनों के गुण विद्यमान है। अतः इसी आधार पर दिव्य पात्रों, अदिव्यपात्रों तथा दिव्यादिव्य पात्रों का संक्षिप्त विवेचन प्रस्तुत है। दिव्य पात्र कवि अपनी कल्पना के विषय में स्वतंत्र होता है। इसकी कल्पना पंख लगाकर इसे न केवल इस चराचर संसार में विचरण कराती है, अपितु इसे देवलोक में भ्रमण करवाकर देवताओं, गन्धर्वो, यक्षों, विद्याधरों आदि से भी परिचित कराती है। इस सन्दर्भ में एक उक्ति प्रसिद्ध है - जहाँ न पहुंचे रवि, वहाँ पहुंचे कवि। धनपाल की कल्पना शक्ति भी उसे उड़ाकर विद्याधरों के पास ले गई। धनपाल ने तिलकमञ्जरी में अनेक विद्याधरों का वर्णन किया है। ये विद्याधर अनेक विद्याओं और दिव्य शक्तियों के स्वामी है। अलौकिक शक्तियों से युक्त होने के कारण इन्हें दिव्य पात्र कहा जाता है। ये दिव्यपात्र है - विद्याधर
SR No.022664
Book TitleTilakmanjari Me Kavya Saundarya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Garg
PublisherBharatiya Vidya Prakashan2017
Publication Year2004
Total Pages272
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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