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० अदिव्य पात्र दिव्यादिव्य पात्र
● पुरुष पात्र
० स्त्री पात्र
पञ्चम अध्याय : तिलकमञ्जरी में रस
● रस
● शृङ्गार रस
● अद्भुत रस
● करुण रस
० वीर रस
० रौद्र रस
० भयानक रस
● शान्त रस
षष्ठ अध्याय : तिलकमञ्जरी में औचित्य ० औचित्य
० औचित्य का क्रमिक विकास
० औचित्य के भेद
० अभिप्रायौचित्य
० अलङ्कारौचित्य
० कुलौचित्य
तत्त्वौचित्य
नामौचित्य
० पदौचित्य
रसौचित्य ० वाक्यौचित्य
सत्त्वौचित्य ● सारसड्.ग्रहौचित्य
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