SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 78
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ खोज करवायी परन्तु उनका पता नहीं चला । इस आकस्मिक विघ्न से मेरा हृदय चिंता और दुःख से व्याकुल है । इसलिए मेरी पवित्र धारणा की सफलता में मुझे शंका उत्पन्न हो गयी है। यदि यह आकस्मिक घटना न हुई होती तो आज ही मैं इस असार संसार से मुक्त होकर मुनि मार्ग का पथिक बन गया होता । यह विशाल राज्य लक्ष्मी अपने जवाई को दे, आपके सुविचारों का अनुसरण कर, अपने आत्मा के उद्धार करने के लिए कभी की दीक्षा ले ली होती । परन्तु कर्म योग से इस विघ्न ने मुझे निवृत्ति मार्ग में प्रवृत्त होने से रोककर प्रवृत्ति मार्ग के बंधन से मजबूत बाँध दिया है।" महेश्वरदत्त ने उदास चित्त होकर कहा - "राजेन्द्र ! आपके मुँह से यह अन्तराय (विघ्न ) की बात सुनकर मुझे बहुत ही अचंभा होता है । आपके तरुण वयस्क जवाई का लापता हो जाना सुनकर प्रत्येक सुनने वाले को आश्चर्य हुए बिना नहीं रहता । इस पर भी जिन पूजा जैसे पवित्र कार्य के लिए गये हुए पुरुष के काम में विघ्न-बाधा उपस्थित हो, यह भी एक असम्भव बात है ! शासन देवता आपके विघ्न को दूर करके आपको शुभ मार्ग दिखाये।" महेश्वरदत्त की यह साहस युक्त बातें सुनकर राजा नरवर्मा जरा आश्वासन पाकर बोले - “सेठजी ! आपकी पुत्री का विवाह किस दिन का है ? और उसके लिए कौन सा योग्य वर है?" महेश्वरदत्त ने जरा खेद प्रकट करते हुए कहा - "स्वामिन् ! अभी कोई योग्यवर मेरी पुत्री के लिए निश्चित नहीं हुआ है । सिर्फ एक योग्य ज्योतिषी के कहने पर से ही मैंने उसके विवाह की सब तैयारीयाँ की है। अब क्या होगा ? इसे परमात्मा जाने । उस विद्वान् ज्योतिषी ने अपने ज्ञान बल से दावे के साथ कहा है| कि “एक महीने में तुम्हारी पुत्री को योग्य पति मिल जायगा, इसलिए तुम शंका रहित होकर विवाह की तैयारियाँ करो।" उसके इन वचनों पर विश्वास करके मैंने विवाह की सब सामग्री तैयार की है। अब आगे जो कुछ भी हो सो ठीक है।" महेश्वरदत्त के यह वचन सुनकर महाराजा नरवर्मा ने उसे धैर्य देते हुए 71
SR No.022663
Book TitleUttamkumar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendrasinh Jain, Jayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages116
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy