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________________ तिलकमंजरी, एक सांस्कृतिक अध्ययन का पुत्र है (पृ. 163) जो रूप में अद्वितीय है। अलकापुरी कुबेर की राजधानी है (पृ. 23)। कामदेव . शिव ने अपनी तपस्या भंग करने में प्रयत्नशील कामदेव को अपनी नेत्राग्नि द्वारा भस्मीभुत कर दिया था। इस कथा के अनेक स्थानों पर उल्लेख मिलते हैं (पृ. 23, 104, 162, 248, 266, 276)। रति की प्रार्थना से द्रवित होकर उसे पुनर्जन्म प्रदान किया गया, इस कथा का भी उल्लेख आया है।1 रति कामदेव की पत्नी है, अतः उसे रतिभर्तु कहा गया है । (पृ. 323)। कामदेव को पुष्पधन्वा तथा कुसुमास्त्र कहा गया है । उसे पंचबाण भी कहा गया है क्योंकि अरविन्द, अशोक, चूव, नवमालिका तथा रक्तोत्पल ये पांच पुष्प उसके बाण हैं । कुम्भकर्ण ___ यह रावण का भाई, दीर्घ निद्रा के लिये प्रसिद्ध था (पृ. 135, 1:6)। कृष्ण कृष्ण द्वारा यमुना के जल से कालिय सर्प को खींच निकालने की कथा का उल्लेख प्राप्त होता है (पृ. 52) कुमार कुमार कार्तिकेय शर के वन में उत्पन्न हुए थे (पृ. 21)। कुमार की माताएं कृत्तिकाएं थी। गरुड़ यह पक्षियों का राजा कहा गया है (पृ. 86)। यह विष्णु का वाहन है (पृ. 86)। यह सॉं का शत्रु है एवं उनका भक्षण करता है (पृ. 122) इसको तार्क्ष्य भी कहते हैं (122)। जटायु ___ राम द्वारा जटायु को निवापांजलि प्रदान करने का उल्लेख है (पृ. 135)। परशुराम ये जमदग्नि के पुत्र थे, अतः इन्हें जामदग्न्य कहा गया है। परशुराम द्वारा अपने पिता जमदग्नि की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिये 21 बार क्षत्रियों 1. मकरकेतोरिवास्य त्वत्प्रसादादवगतेन पुनरूज्जीवनेन रतिरिव कृतार्थाहमुपजाता। -तिलकमंजरी, पृ. 347 2. विचकर्ष संकषर्णानुज इव कालिन्दतनयातरंगात् कालियम् । -वही, पृ. 52 3. कृत्तिकापुंजेनेव कमारशब्दविप्रलब्धेन""तिलकमंजरी, पृ. 100
SR No.022662
Book TitleTilakmanjari Ek Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpa Gupta
PublisherPublication Scheme
Publication Year1988
Total Pages266
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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