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________________ १२ श्रीमद्वाग्भटविरचितं नेमिनिर्वाणम् : एक अध्ययन १६. धर्मनाथचरित : निमि चन्द्र) यह चरित काव्य जैन धर्म के पन्द्रहवें तीर्थङ्कर धर्मनाथ पर लिखा गया है । रचयिता : रचनाकाल इसके रचयिता नेमिचन्द्र हैं, जिन्होंने धर्मनाथचरित की रचना वि० सं० १२१२ (सन् ११५५ ई०) में की थी । संभवतः ये वही नेमिचन्द्र हैं जिन्होंने वि० सं० १२१३ (सन् ११५६ ई०) में प्राकृत में अनन्त-नाह-चरिय की रचना की थी। १७. द्विसंधान महाकाव्य' : (घनञ्जय) इस संधान काव्य में आद्यन्त राम और कृष्ण का चरित निर्वाह सफलता के साथ किया है । यह काव्य १८ सर्गात्मक है । इसका दूसरा नाम राघवपाण्डवीय भी है । एक साथ रामायण तथा महाभारत की कथा कुशलतापूर्वक निबद्ध है । रचयिता : रचनाकाल इस महाकाव्य के रचयिता महाकवि घनञ्चय हैं । द्विसन्धान काव्य के अन्तिम पद्य की व्याख्या में टीकाकार ने इनके पिता का नाम वासुदेव, माता का नाम श्रीदेवी और गुरु का नाम दशरथ सूचित किया है । कवि के स्थितिकाल के विषय में विद्वानों में मतभेद हैं । डा० के० वी० पाटक ने इनका समय ई० सन् ११२३-११४० के मध्य माना है । डा० ए० बी० कीथ ने भी पाठक का मत ही स्वीकार किया है। १८. धन्यकुमारचरित : (गुण भद्र मुनि) यह चरितकाव्य सात सों वाला काव्य है । जिसमें (गुणभद्र के) उत्तरपुराण के आधार पर अनुष्टुप् छन्दों में धन्यकुमार का जीवनचरित्र वर्णित किया गया है । धन्यकुमार भगवान महावीर के समकालीन राजगृह के श्रेष्ठिपुत्र थे । रचयिता : रचनाकाल धन्यकुमार चरित के रचयिता गुणभद्रमुनि थे, जो चन्देल नरेश परमादि के शासन काल में हुये हैं । ये नेमिसेन के शिष्य और माणिक्य सेन के प्रशिष्य थे । ललितपुर के पास, मदनपुर से प्राप्त अभिलेखों से ज्ञात होता है कि ११८२ ई० में महोबा के चन्देलवंशी राजा परमादिदेव पर पृथिवीराज (सोमेश्वर के पुत्र) ने आक्रमण किया था। इस आधार पर समकालीन होने से इनका समय १२ वीं शताब्दी माना जा सकता है । २.भारतीय ज्ञानपीठ काशी,१९१४ में प्रकाशित १.जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग ६, पृ० १०४ ३.ए हिस्ट्री आफ संस्कृत लिट्रेचर, ए० बी० कीथ, पृ०-१७३ ४.आमेर शास्त्र भण्डार जयपुर में इसकी हस्तलिखित प्रति है। ५.तीर्थपुर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, भाग-४, पृ०-५९ ६.वही, पृ०६०
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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