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________________ आदिपुराण में अजीव तत्त्व विमर्श असंख्यात वर्ष का दस क्रोड़ा - क्रोड़ी पल्योपम का दस क्रोड़ा - क्रोड़ी सागरोपम का दस क्रोड़ा-क्रोड़ी (ख) जिसका विभाग न हो सके असंख्यात समय 256 आवलिका 2223 1229/3773 आवलिका 4446 2458/3773 आवलिका साधिका 17 क्षुल्लक भव या एक श्वासोच्छ्वास 7 प्राण 7 स्तोक 382 लव 77 लव 30 मुहूर्त 15 दिन 2 पक्ष 2 मास 3 ऋतु 2 अयन 5 वर्ष 70 क्रोड़ाक्रोड़, 56 लाख क्रोड़वर्ष = = = = = = = = = = एक समय एक आवलिका एक क्षुल्लक भव (सबसे कम आयु) एक उच्छवास - निःश्वास एक प्राण = = = 3773 प्राण अथवा = 1 पल्योपम एक मुहूर्त (48 मिनट) एक अहोरात्र एक पक्ष = एक मास = 1 सागरोपम 1 उत्सर्पिणी 1 अवसर्पिणी = = एक स्तोक एक लव एक घड़ी (24 मिनट) दो घड़ी अथवा 65536 क्षुल्लक भव (या 16777216 आवलिका या एक ऋतु एक अयन एक वर्ष 177 एक युग एक पूर्व
SR No.022656
Book TitleJain Darshan Ke Pariprekshya Me Aadipuran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSupriya Sadhvi
PublisherBharatiya Vidya Prakashan
Publication Year2010
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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