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________________ तालिका लान्तक महाशुक्र सहस्रार आणत प्राणत सौधर्म ईशान सनत्कुमार महेन्द्र ब्रह्म आस अच्युत शरीर का परिमाण सात हाथ| सात हाथ| छह हाथ| छह हाथ | पाँच हाथ| पाँच हाथ| पाँच हाथ| चार हाथ चार हाथ| चार हाथ| चार हाथ चार हाथ आदिपुराण में नरक-स्वर्ग विमर्श .. जघन्य 2 पल्योपम 4 पल्यापम में 2 सागरोपम 2 सागरोपम कुछ अधिक कुछ अधिक ? सागरोपम 10 सागरोपम 14 सागरांपम 17 सागरोपम 18 सागरोपम 19 सागरोपम 20 सागरोपम/ 21 सागरोपम 2 सागरांपम से 7 सागरोपम से उत्कृष्ट 2 मागरोपम कुछ अधिक 7 सागगपम कुछ अधिक |10 मागरोपम 14 सागरोपम 17 सागरोपम 18 सागरोपम 19 सागरांपम 20 सागरोपम 21 सागरांपम 22 सागरोपम आयु लेश्या | तेजो | तेजो | पद्म | पद्म | पद्म | शुक्ल | शुक्ल | शुक्ल | शुक्ल | शुक्ल | शुक्ल | शुक्ल सम्यक दृष्टियाँ मिथ्या. मिश्र तीनों ही | तीनों ही तीनों ही तीनों ही तीनों ही | तीनों ही तीनों ही तीनों ही | तीनों ही तीनों ही | तीनों ही तीनों दृष्टियाँ बराह चिह्न | मृग । महिष | (शक दादुर शारपा मृग सिंह | अज | दर्दुर | अश्व | गज | सर्प | गैंडा | (या) | विडिम (मेंढक) वृषभ 137
SR No.022656
Book TitleJain Darshan Ke Pariprekshya Me Aadipuran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSupriya Sadhvi
PublisherBharatiya Vidya Prakashan
Publication Year2010
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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