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________________ जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में आदिपुराण (क) आयु क्षय से (ख) गुणस्थान का काल अन्तर्मुहूर्त पूरा होने से (क) आयुक्षय से यदि आयु क्षय से पतन होता है तो वह जीव अनुत्तर विमान में देव बनता है। 64 - (ख) अगर गुणस्थान का समय पूरा होने पर उपशान्त मोहनीय कर्म उदय में आ जाता है तो कषायोदय से जीव पतित होकर नीचे के गुणस्थान में पहुँच जाता है। 145 12. क्षीण मोहनीय गुणस्थान" इसमें मोहनीय कर्म पूर्ण रूप से क्षय हो जाता है। 147 जिसने कषाय रूप चारित्र मोहनीय कर्म का क्षय करना आरम्भ कर दिया है, सम्पूर्ण मोह के क्षीण हो जाने को क्षीण मोहनीय गुणस्थान कहते हैं । ग्यारहवाँ और बारहवाँ गुणस्थान समभाव का है। दोनों में फर्क है। उपशान्त मोह के आत्मभाव की अपेक्षा क्षीण मोह का आत्मभाव अत्यन्त उत्कृष्ट होता है। इसी कारण उपशममोह का समभाव स्थायी नहीं रहने पाता, जबकि क्षीण मोह का समभाव पूर्णतया स्थायी होता है। 146 उपशम एवं क्षय में भेद यह है - पानी डालकर आग बुझा देने का नाम क्षय है। राख डालकर उसे ढँक देने का नाम उपशम है। भले ही मोह का सम्पूर्ण उपशम हुआ हो, परन्तु उसका पुनः प्रादुर्भाव हुए बिना नहीं रहता । बारहवें गुणस्थान में आत्मा चित्त योग की पराकाष्ठा रूप शुक्ल समाधि पर आरूढ़ होकर सम्पूर्ण मोहावरण आदि चारों घाती कर्मों का विध्वंस करके केवलज्ञान प्राप्त करता है। 148 13. सयोगी केवली गुणस्थान 149 11 केवलज्ञान प्राप्त होते ही सयोगी केवली गुणस्थान का आरम्भ होता है। इस गुणस्थान के नाम में जो सयोग शब्द रखा है, उसका अर्थ " योग वाला' होता है। योग वाला अर्थात् शरीरादि के व्यापार वाला । केवलज्ञान प्राप्त होने के पश्चात् भी शरीरधारी के गमनागमन, बोलने आदि के व्यापार रहते ही हैं। देहादि की क्रिया रहने से शरीरधारी केवल सयोगी केवली कहलाता है। 150 चारों घाती कर्मों के सम्पूर्ण क्षय से इस गुणस्थान की प्राप्ति होती है। वह जीव सर्वज्ञ, जिन बन जाता है। केवलज्ञान, केवलदर्शन, अनन्तसुख और अनन्तवीर्य प्रगट हो जाते हैं। वह जीवन्मुक्त परमात्मा होता है। तीनों लोक और तीनों काल उसके हस्तामलकवत् होते हैं वह लोकालोकदर्शी और ज्ञानी होता 1151
SR No.022656
Book TitleJain Darshan Ke Pariprekshya Me Aadipuran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSupriya Sadhvi
PublisherBharatiya Vidya Prakashan
Publication Year2010
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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