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________________ व्यक्तिवाचक शब्द संग्रह श्री वर्धमानचरित्रमें आये हुए व्यक्तिवाचक शब्दोंका संग्रह नीचे दिया जा रहा है। शब्दोंके आगे दिये हुए तीन अंकोंमें पहला अंक सर्गका, दूसरा श्लोक का और तीसरा पृष्ठका सूचक है । एक नामका एक ही बार संकलन किया गया है। अकम्पन = एक विद्याधर ६।३७१६९ कनकमाला - अलकाके राजा मयरग्रीवकी स्त्री अकम्पन = एक विद्याधर योद्धा ९।६२।१११ ५।१७।४९ अग्निमित्र = गौतम और कौशिकाका पुत्र ( अग्निसह कनकमाला - हेमपुरके राजा कनकाभकी स्त्री का जीव) ३९२।३० १२।१७।१४५ अग्निसह = अग्निभूति और गौतमीका पुत्र ३८७।२९ कनकप्रभा = कनकध्वजकी स्त्री १२।२७/१४७ अग्निभूति = श्वेतविका नगरीका एक ब्राह्मण कनकाभ = हेमपुर नगरका राजा १२।१३।१४५ ३१८६।२९ कपिला - कौलेयक नगरके निवासी कौशिक ब्राह्मणअच्युत - त्रिपृष्ठ १०।४।११८ की स्त्री ७७३।२८ अनिरुद्ध = विश्वनन्दीका एक कृतज्ञ सेवक ४।६२१४० कमलाधर = विदेहके एक तीर्थकर १११४८।१३९ अमितकीति = एक मुनि ३।२२।२४ कामदेव = एक विद्याधर योद्धा ९७१।११२ अमितप्रभ = एक मुनि ३।२२।२४ काशी-पुरूरवा भीलकी स्त्री ३।३८२५ अमिततेज = ज्वलनजटीके पुत्र अर्ककीतिका पुत्र कीर्ति = विशाखभूतिका मंत्री ४।३३।३७ १०७०।१२८ कीर्ति = एक देवी १७१५०१२३६ अर्ककीति = ज्वलनजटीका पुत्र ५।१०५।६१ कूल = कूलपुरका राजा, जिसके घर मुनिराज वर्द्धमानअशनिघोष = एक योद्धा ९।६१११११ का प्रथम आहार हुआ १७।१२०१२४७ अश्वग्रीव (हयकन्धर) = मयूरग्रीव और कनकमाला कृष्ण = नारायण त्रिपृष्ठ ९८७।११४ ___ का पुत्र ( विशाखनन्दीका जीव) ५।२५।५० केशव = त्रिपृष्ठ ९।९३।११५ असग = वर्द्धमानचरित्रके कर्ता १८५१०५।२६८ कौशिक = कौलेयक नगरमें रहनेवाला एक ब्राह्मण इन्दू = ज्वलनजटीका दूत एक विद्याधर ५।११३॥६२ ३१७२।२८ = गौतम गणधर १८५०१२५८ कौशिक = गौतम ब्राह्मणकी स्त्री ईश्वर = एक विद्याधर १४।११।१६९ ईशानकल्पपति = ईशानेन्द्र १७।७५।२४० गौतम = मन्दिरनगरका रहनेवाला एक ब्राह्मण कच्छ - नमिका पिता, भगवान् वृषभदेवका साला ३३९११३० ५।१०३।६० गौतमी श्वेतविकाके अग्निभूति ब्राह्मणकी स्त्री कनकचित्रा एक देवी १७।३४।२३४ ३।८६।२९ कनकदेवी = एक देवी १७॥३४।२३४ चन्द्रशेखर ( शशिशेखर ) = एक विद्याधर योद्धा कनकध्वज = हेमपुरके राजा कनकाभ और कनक ९।७२।११२ मालाका पुत्र १२।१८।१४६ चित्राङ्गद = एक विद्याधर ६।२८।६७ .
SR No.022642
Book TitleVardhaman Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Muni, Chunilal V Shah
PublisherChunilal V Shah
Publication Year1931
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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