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वर्धमान चरित
प्रसन्नताका विषय है कि इस ग्रन्थका प्रकाशन भगवान महावीर स्वामीकी २५०० वीं निर्वाण तिथिके उपलक्ष्यमें हो रहा है । इसके प्रकाशक जीवराज ग्रन्थमाला के संचालकों की प्रवृत्ति प्रशंसनीय है ।
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रामजी उपाध्याय १६-१-१९७४
सीनियर प्रोफेसर तथा अध्यक्ष, संस्कृत विभाग,
सागर विश्वविद्यालय, सागर