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ग्यवतीना जेवां आभूषणोने धारण करनारी देखाय बे. पद्मराग मणिना किरणोना जालथी तेमना चरणतल उपर अलतानी शोजा थाय बे, बलाट उपर सिंदूरनी रेखा परे बे, घणां केशरना रंगना रागथी अंगराग थाय छे, चीनाइ वस्त्र पर कसुंबी रंग पमे बे अने अधर उपर मनोहर तांबूल देखा . ४
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विशेषार्थ — ते चैत्यमां विधवाओं दर्शन करवाने आवे बे, ते सधवाना जेव देखावे. कारणके, तेनी अंदर पद्मराग मणिओना किरणो परुवाथी ते विधवाना शरीर उपर सौभाग्यना आभूषणो यह जाय बे. विधवा स्त्रीने मां अक्षतानो रंग, बलाट उपर सिंदूरनी पील, शरीरे अंगराग, ढवा सुंबी वस्त्र ने तांबूल होता नथी, पण या चैत्यमां जमेला पद्मरागमणि ने विधवाओना शरीर उपर सौभाग्यना चिन्हो देखाय बे.