________________
६०६
वसुदेवहिण्डी : भारतीय जीवन और संस्कृति की बहत्कथा
वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति : म. म. पं. गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी, प्र. बिहार-राष्ट्रभाषा परिषद्, ___पटना, द्वि. सं. सन् १९७२ ई.। व्रजलोक-साहित्य का अध्ययन : डॉ. सत्येन्द्र। शुक्रनीतिसार : चौखम्भा संस्कृत-भवन, वाराणसी। षड्दर्शनसंग्रह : अनूद्धृत। संगीतदामोदर : अनूद्धृत। संगीतरत्नाकर : अनूद्धृत। संस्कृत-साहित्य का इतिहास : कीथ : हिन्दी-अनु. डॉ. मंगलदेव शास्त्री, प्र. मोतीलाल बनारसीदास, . दिल्ली। संस्कृत-सुकविसमीक्षा : पं. बलदेव उपाध्याय प्र. चौखम्बा संस्कृत-पुस्तकालय, वाराणसी। सरस्वतीकण्ठाभरण : भोज: चौखम्बा विद्या-भवन, वाराणसी। सर्वसिद्धान्तसंग्रह : अनूद्धृत। सांख्यकारिका : मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। सार्थवाह : डॉ. मोतीचन्द्रः प्र. बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना, प्र. सं., सन् १९५३ ई. । साहित्य का इतिहास-दर्शन : आचार्य नलिनविलोचन शर्मा, प्र. बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, प्र. सं., सन् - . १९६० ई.। साहित्यदर्पण : विश्वनाथ महापात्र : मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। सौन्दर्यशास्त्र के तत्त्व : डॉ. कुमार विमल, प्र. राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., दिल्ली, सन् १९६५ ई. । स्वतन्त्र कलाशास्त्र : डॉ. कान्तिचन्द्र पाण्डे चौखम्बा-संस्करण, सन् १९६७ ई. । हर्षचरितः एक सांस्कृतिक अध्ययन : डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल, प्र. बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद, पटना,
प्र. सं., सन् १९५३ ई.।। हिन्दी-साहित्य का आदिकाल : आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, प्र. बिहार राष्ट्रभाषा-परिषद्, द्वि सं, सन्
१९५७ ई.। हिन्दी-साहित्य का इतिहास : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (सत्रहवाँ पुनर्मुद्रण), नागरी-प्रचारिणी सभा,
काशी।
व्याकरण-ग्रन्थ
अभिनव प्राकृत-व्याकरण : डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, तारा पब्लिकेशन, कमच्छा, वाराणसी। पाणिनिसूत्र : मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। प्राकृत-प्रबोध: डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, ज्ञानमण्डल, वाराणसी। प्राकृत-भाषाओं काव्याकरण: डॉ. रिचर्ड पिशल अनु. डॉ. हेमचन्द्र जोशी, प्र. बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, ___ पटना, प्र. सं., सन् १९५८ ई. । संक्षिप्तसार : अनूद्धृत। सिद्धान्तकौमुदी : पाणिनिः मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। हैमशब्दानुशासन : चौखम्बा विद्या-भवन, वाराणसी।