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वसुदेवहिण्डी : भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा
'.. तन्त्रशास्त्र
तान्त्रिक वाङ्मय में शक्तिदृष्टिः म. म. पं. गोपीनाथ कविराज, प्र. बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना, द्वि.
सं., सन् १९७८ ई. । पुस्थर्यार्णव : महाराजा प्रताप सिंह चौखम्बा विद्या-भवन, वाराणसी। भारतीय संस्कृति और साधना (२ भाग) : म. म. पं. गोपीनाथ कविराज प्र. बिहार
राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना, प्र. सं., सन् १९६४ ई.। .. भारतीय प्रतीक-विद्या : डॉ. जनार्दन मिश्र प्र. बिहार-राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना। . .
'राजनीतिशास्त्र अर्थशास्त्र : कौटिल्यः मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। राजनीति और दर्शन: डॉ. विश्वनाथप्रसाद वर्मा, प्र. बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना, प्र. सं, सन् १९५६ ई.।
साहित्य, संगीत, संस्कृति और कलाशास्त्र अभिज्ञानशाकुन्तल : कालिदास : मोतीलाल, बनारसीदास, दिल्ली । अभिनवभारती : आचार्य विश्वेश्वर (सं. डॉ. नगेन्द्र) : ज्ञानमण्डल, वाराणसी। उदात्त : सिद्धान्त और शिल्पन : प्रो. जगदीश पाण्डेय, अर्चना प्रकाशन, आरा (बिहार) ।
औचित्यविचारचर्चा : क्षेमेन्द्र : मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। कथासरित्सागर (भाग १) : हिन्दी-अनुवाद-सहित : अनु. पं. केदारनाथ शर्मा सारस्वत, प्र.
बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना। कन्नड-साहित्य का इतिहास : आर. नरसी वांचा वेल्लूर। कर्पूरमंजरी: राजशेखर : चौखम्बा विद्या-भवन, वाराणसी, प्रथम संस्करण, सन् १९७० ई.। . कलाविलास : क्षेमेन्द्रः चौखम्बा विद्या-भवन, वाराणसी। कला-विवेचन : डॉ. कुमार विमल : प्र. भारती भवन, एक्जिबीशन रोड, पटना, प्रथम संस्करण,
सन् १९६८ ई. । कामसूत्र : वात्स्यायन : चौखम्भा संस्कृत-भवन, वाराणसी। काव्य में उदात्त तत्त्व : डॉ. नगेन्द्र। . काव्यरचना-प्रक्रिया : सं. डॉ. कुमार विमल, प्र. बिहार-हिन्दी-ग्रन्थ अकादमी, पटना। काव्यमीमांसा : राजशेखरः बिहार-राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना। काव्यादर्श : दण्डी : चौखम्भा विद्या-भवन, वाराणसी। काव्यानुशासन : हेमचन्द्रः नागरी-प्रचारिणी सभा, काशी। काव्यालंकार : भामह : भाष्यकार : आचार्य देवेन्द्रनाथ शर्मा, बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना। काव्यालंकार : रुद्रट : मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। काव्यालंकारसूत्रवृत्ति : नमिसाधु : चौखम्बा विद्या-भवन, वाराणसी।