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प्राकृत- जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान ग्रन्थमाला- संख्या ३७
सम्पादन- प्रमुख
डॉ. युगलकिशोर मिश्र निदेशक
वसुदेवहिण्डी : भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा
डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव
एम. ए. (प्राकृत- जैनशास्त्र, संस्कृत एवं हिन्दी), स्वर्णपदक प्राप्त पी-एच्. डी. साहित्य- आयुर्वेद-पुराण- पालि- जैनदर्शनाचार्य, व्याकरणतीर्थ, साहित्यरत्न, साहित्यालंकार
पूर्व - व्याख्याता: प्राकृत, प्राकृत- शोध-संस्थान, वैशाली; पूर्व-उपनिदेशक (शोध)
एवं सम्पादक : 'परिषद्-पत्रिका', बिहार- राष्ट्र भाषा-परिषद्, पटना
प्राकृत- जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली बासोकुण्ड, मुजफ्फरपुर (बिहार)
सन् १९९३ ई०