________________
डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव द्वारा प्रणीत 'वसुदेवहिण्डी भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा' उच्चस्तरीय शोधकार्य है। लेखक ने 'वसुदेवहिण्डी' ग्रन्थ का सम्यक् विवेचन कर उसके महत्त्व पर विशद प्रकाश डाला है। उन्होंने सम्बद्ध मूल स्रोतों का अध्ययन कर भारतीय संस्कृति के विविध पक्षों के उद्घाटन का स्तुत्य कार्य सम्पन्न किया है।
:
कृष्णदत्त वाजपेयी
सेवानिवृत्त टैगोर प्रोफेसर तथा अध्यक्ष, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा पुरातत्त्व-विभाग सागर-विश्वविद्यालय (मध्यप्रदेश)
डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव प्राकृत जैन वाङ्मय के एक अधिकारी अध्येता एवं विद्वान हैं। उनका ग्रन्थ 'वसुदेवहिण्डी :
भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा' एक सुन्दर शोध-विषयक ग्रन्थ है। इसके प्रकाशन से जैन वाङ्मय समृद्ध
हुआ है।
डॉ. रामजी सिंह पूर्व-कुलपति
जैन विश्वभारती संस्थान लाडनूँ (राजस्थान)