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द्विसन्धान का महाकाव्यत्व
रुद्रट महाकाव्य के कथानक का आधार ‘महती घटना' को मानते हैं। 'महती घटना' से अभिप्राय है-महत्वपूर्ण एवं गरिमामयी घटना।२ विलियम रोज़ बैनिट के अनुसार 'ऐतिहासिक, दन्तकथामूलक या काल्पनिक घटना' को 'महती घटना' कहा जा सकता है ।३ रुद्रट को भी कविकल्पित या कविकल्पना से मांसल बनी ऐतिहासिक घटना महती घटना के रूप में अभिमत है। द्विसन्धान-महाकाव्य में इतिहास-प्रसिद्ध रामायण-महाभारत के कथा रूप अस्थिपञ्जर को धनञ्जय ने अपनी कल्पना से मांसल बनाकर कथानक के रूप में अङ्गीकार किया। ३. कथानक का आधार
महाकाव्य का कथानक इतिहास और पुराण पर आधारित अथवा परम्परा की दृष्टि से प्रख्यात एवं सज्जनाश्रित होना चाहिए। द्विसन्धान-महाकाव्य का कथानक रामायण-महाभारत पर आधारित है, जो कि इतिहास व पुराण दोनों श्रेणियों में आते हैं। इसके अतिरिक्त राम-कथा तथा पाण्डव-कथा प्रख्यात एवं सज्जनाश्रित भी हैं।
१. द्रष्टव्य-शंभूनाथसिंह : हिन्दी महाकाव्य का स्वरूप-विकास,पृ.५४, तथा श्यामशंकर
दीक्षित,तेरहवीं-चौदहवीं शताब्दी के जैन संस्कृत महाकाव्य,पृ.१५ २. द्रष्टव्य-"An epic poem is by common consent a narrative
of some length and deals with events which have a certain gradure and importance..", C.M. Bowara : From
Virgil to Milton, P. 1 ३. द्रष्टव्य-"A poem of dramatic character dealing by means
of narration with history, real or fiction, of some notable action of series of actions carried out under heroic or supernatural guidance", William Rose Benit :
The Reader's Encyclopaedia, p. 345 ४. का.रु.१६.३-४ ५. तुलनीय-'तेषु काव्यादिमध्ये तेऽनुत्पाद्याः, येषां पञ्जरं कथाशरीरमखिलं
सर्वमितिहासादिप्रसिद्धं रामायणादिकथाप्रसिद्ध कविः स्ववाचा परिपूरयेत्', का. रु.,
१६.४ पर नमिसाधुविरचित टिप्पणी,पृ.१६८ ६. काव्या.१.१५