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नमोत्थु णं समणस्स भगवओ वद्धमाणस्स .
|| अनन्तलब्धिनिधानश्रीगौतमस्वामिने नमः ।। पू. श्रीदान-प्रेम-रामचन्द्र-भद्रङ्कर-राजतिलक-महोदय
जिनप्रभ-पुण्यपाल-हेमभूषणसूरि गुरुभ्योनमः श्री तिलकाचार्य-समयसुंदरगणि-सुमतिसाधुसूरि
___ विरचित टीकात्रिकयुतम्
श्री दशवैकालिकसूत्रम्
* मूलकर्ता . श्रुतकेवलीश्री शयंभवसूरि महाराज
* संशोधक * पू. आ. श्री जिनप्रभसूरिजी शिष्यरत्न पू. मुनिश्री तत्वप्रभविजयजी गणिवर
* प्रकाशक . पू. आ. श्री जिनप्रभसूरि ग्रंथमाला c/o रसीकभाई एम. शाह
A/८ धवलगीरी फ्लेट खानपुर, व्हाई सेन्टर, अमदावाद
मो. ९९०४५०१२२१
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