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________________ १२] [ जीवन-श्रेयस्कर-पाठमाला फुसइ अणते सिद्ध सबपएसेहि णियमसो सिद्धो । ते वि असंखेजगुणा देसपएसेहिं जे पुट्ठा ॥१०॥ अलरीरा जीवघशा उवउत्ता दंसणे य णाणे य । सागारमणागारं लक्खरामेयं तु सिद्धारणं केवलणागुवउत्ता जारांति सव्वभावगुणभाये। पासंति सवओ खलु केवलदिटिअरांताहि ॥१५ वि अस्थि माणुसाणं तं सोक्ख रणवि य सतदेव ज सिद्धाणं सोक्ख अव्वाबाहं उवगया १३ ॥ ज देवाणं सोक्ख सव्वद्धापिडियं अशंतगुण ण य पावइ मुत्तिसुहं ताहि वग्गवग्गृहि ॥१४॥ सिद्धस्ल सुहा रासी सम्बद्धापिंडिगो जइ हवेजों सोगंतवग्गभइयो सव्वागाले ण माएजा वि० ॥१५॥ जह णाम कोई मिच्छो गरगुणे बहुविहे सिषांतो। ण चएइ परिकहेउ उवमाए तहिं असंतीए ने ॥ १६ ॥ इय सिद्धाणं सोक्ख अवमं णत्थि तस्स ओवम्म । किंचि विसेसेणेत्तो ओवम्ममिणं सुरणह वोच्छ ॥१७॥ जह सव्वकामगुणियं पुरिसो भोचूण भोयणं कोई । तरहाछुहाविमुको अच्छेज जहा अमियतित्तो ॥१८॥ इय सव्वकालतित्ता अतुल निव्वाणमुवगया सिद्धा। साप्सयमव्वाबाहं चिट्ठति सुही सुहं पत्ता ॥१६॥ सिद्धत्ति य बुद्धति य पारगयत्ति य परंपरगयत्ति । उम्मुककम्मकवया अजरामरा असंगा य ॥२०॥ णिच्छिण्णसम्बदुक्खा जाइजरामरणबंधणविमुका। अव्वाबाहं सुक्ख अणुहोति सासयं सिद्धा ॥२१॥ अतुलसुहसागरगया अव्वाबाह अवम पत्ता। सव्वमणागयमद्धं चिटुंति सुहं पत्ता ॥२२॥
SR No.022602
Book TitleJivan Shreyaskar Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKesharben Amrutlal Zaveri
PublisherKesharben Amrutlal Zaveri
Publication Year
Total Pages368
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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