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________________ २३२] [जीवन-श्रेयस्कर-पाठमाला जइ, लोयालोए सूइज्जइ, जीवा सूइजंति, अजीवा सूइजंति, ससमए सूइज्ज इ. परसमए सूइज्जइ, ससमयपरसमए सूइज्जइ, सूयगडे णं असीयस्स किरियावाइसयस्स, चउरासीइए अकिरिवाईणं, सत्तट्टीए अराणाणीयवाईण, बत्तीसाए वेणइयवाईणं, तिराहं तेसट्टाणं पासंडियसयाणं वूहं किच्चा ससमए ठाविजइ । सूयगडे णं परित्ता वारणा, संखिजा अणोगदारा, संखेज्जा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखिजाओ निज्जुत्तीओ, (संखिजाप्रो संगहणीयो ) संखिजाओ पडिवत्तीग्रो, सेणं अंगट्टयाए बिइए अंगे, दो सुयक्खधा तेवीसं अज्झयणा, तित्तीसं उद्देसणकाला, तित्तीसं समुद्देसणकाला, छत्तीसं पयसहस्साई पयग्गेणं, संखिजा अक्खरा, अता गमा, अणता पजवा, परित्ता तसा, प्रांताथावरा,सासयकडनिबद्धनिकाइया जिगपरागत्ता भावा आघविजंति, पराणविजंति, परूविजंति, दंसिजंति, निदंसिजंति, उवदंसिजंति, से एवं आया, एवं नाया, एवं विराणाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ, से सूयगडे २॥ सू० ॥४७॥ से किं तं ठाणे ? ठाणे ण जीवा ठाविजंति, अजीवा ठाविजंति, जीवाजीवा ठाविजंति, ससमए ठाविजइ, परसमए ठाविजइ, ससमयपरसमए ठाविजइ, लोए ठाविजइ, अलोए ठाविजइ, लोयालोए ठाविजइ । ठाणे णं टंका, कुडा, सेला, सिहरिणो, पम्भारा, कुंडाई गुहाअो. आगरा, दहा, नईओ, आघविजंति । ठाणे णं एगाइयाए एगुत्तरियाए वुड्ढीए दसट्ठाणगविवढियागां भावाणं परूवणा आघरिजइ । ठाणे णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुप्रोगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजारो निन्जुत्तीग्रो, संखेजात्रो संगहणीयो; संखेजाओ पडिवत्तीओ। से णं अंगट्टयाए तइए अंगे, एगे
SR No.022602
Book TitleJivan Shreyaskar Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKesharben Amrutlal Zaveri
PublisherKesharben Amrutlal Zaveri
Publication Year
Total Pages368
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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