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________________ १८८] [ जीवन-श्रेयस्कर-पाठमाला तेऊ वाऊ य बोधव्वा, उराला य तसा तहा। इच्चेए तसा तिविहा, तेसिं आए सुणेह मे ॥१०८॥ दुविहा तेउजीवा उ, सुहमा बायगतहा। पजतमपजत्ता, एवमेए दुहा पुणा ।।१०९॥ बायरा जे उ पजत्ताऽणेगहा ते वियाहिया। इंगाले मुम्मुरे अगणी, अच्चिजाला तहेव य ॥११०॥ उक्का विज्जू य बोधव्वा रोगहा एवमायो । एगविहमणाणत्ता, सुहुधा ते वियाहिया ॥१११॥ सुहमा सनलोगम्नि, लोगदेसे य वायरा । इत्तो कालविभाग तु, तेसिं वुच्छ चउविहं ॥११२॥ संतई पप्पागाईया, छपज्जयसियाविय। ठिइ पडुच्च साइया समजवसियावि य ॥११३॥ तिराणेव आहारत्ता, उक्कोसेण वियादिया। आउठिई तेऊरणं, अन्तोमुहुत्तं जहनिया ॥११॥ असंखकालमुक्कोसं, अन्तोमुहुत्तं जहन्नयं । कायठिई तेऊ, तं काय तु अमुचो ॥११५।। अणन्तकालमुक्कोसं, अन्तोमुहुत्तं जहन्नयं । विजढम्मि सए काए, तेऊजीवाण अन्तरं ॥११६॥ एएसिं वरण श्रो चेव, गन्धो रसफासो। संठाणदेसो वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥११७।। दुविहा वाउजीवा उ, सुहुमा बायरा तहा। पजत्तमपजत्ता, एवमेए दुहा पुणे। ।।११८॥ बायरा जे उ पजत्ता, पञ्चहा ते पकित्तिया । उक्कलिया मण्डलिया, घणगुजा सुद्धवाया य ॥११६।। संवट्टगवाये य, णेगहा एवमाययो । एगविहमणाणत्ता, सुहुमा तत्थ वियाहिया ।।१२०॥
SR No.022602
Book TitleJivan Shreyaskar Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKesharben Amrutlal Zaveri
PublisherKesharben Amrutlal Zaveri
Publication Year
Total Pages368
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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