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जीवन-श्रेयस्कर-पाठमाला
जीमूयनिद्धसंकासा, गवलरिट्ठगसन्निभा । खंजंजणनयणनिभा, किराहलेसा उ वगणो ॥४॥ नीलासोगसंकासा, चासपिच्छसम्प्पभा। . वेरुलियनिद्धसंकासा, नीललेला उ वराणो ॥५।। अयसीपुप्फसंकासा, कोइलच्छदसन्निभा। पारेवयगीवनिभा, काऊलेसा उ वरणभो ॥६॥ हिंगुलयधाउसंकासा. तरुणाइच्चसन्निभा। सुयतुण्डपईवनिभा, ते उलेसा उ वरणग्रो ॥७॥ हरियालभेयसंकासा, हलिहाभेयसमप्पभा'। सणासणकुसुमनिभा, पम्हलेसा उ वराणो | संखंककुन्दसकासा, खीरपूरसमप्पभा । रययहारसंकासा, सुक्कलेसा उ वरणग्रो ॥९।।
कडुयतुम्बगरसो, निम्बरसो कडुयरोहिणिर सो वा । एत्तो वि अणन्तगुणा,
रसो य किण्हाए नायव्यो ॥१०॥ जह तिकडुयस्स य रसो,
तिक्खो जह हथिपिप्पलीए वा। एत्तो वि अणन्तगुणो,
रसो उ नीलाए नायवो ॥११॥ जह तरुणअम्बगरसो,
तुवरकविठ्ठस्स वावि जारिसरो। एसो वि अणन्तगुणो,
- रसो उ काऊण नायव्वो ॥१२।।
जह
१. हलिहाभेदसनिभा।