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श्रीमत् सुधर्मास्वामिगणधर रचित
श्रीसूत्रकृताङ्ग सुत्र
अक्षरगमनिका
* लेखक,
_ वैराग्यवारिधि-आगमविशारद प. पू.आचार्य भगवंत श्री कुलचन्द्रसूरीश्वरजी म मा
+ सम्पादक बापजी म.सा. मुनिराज श्री न्यायरत्नविजयजी म. मा
तथा
मुनिराज श्री रत्नचंद्रविजयजी म.सा. मुनिराज श्री हेमप्रभविजयजी म.सा
* प्रकाशक : श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ,
श्री अभिनन्दनस्वामि देरासर, मु.पो मढी, जी. सुरत (गुजगत)