SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 177
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७० उत्तरायणं. ३४. एसा तिरियनराणं ले साए ठिई उ वलिया हो । ते परं वोहामि लेसाप ठिई उ देवाणं ॥ ४७ ॥ दस वाससहस्लाई किए हाए ठिई जहन्निया होइ । पलियमसंखित इमो उक्कोसो होइ किएहाए ॥ ४८ ॥ जा किएहाए लिई खलु उक्कोसा सा उ समयमब्जहिया । जहनेणं नीलाए पलियमसंखं च उक्कोसा ॥ ४९ ॥ जा नीलाए ठिई खलु उक्कोसा साउ समयमब्नहिया । जन्नेणं काऊए पलियमसंखं च उक्कोसा ॥ ५० ॥ ते परं वोहामि तेऊलेसा जहा सुरगाणं । भवणवश्वाणमन्तरजोइसवेमाणियाणं च ॥ ५१ ॥ पलियोवमं जहन्नं उक्कोसा सागराओ पुन्नहिया । पलियमसंखेषं होइ जागेण तेऊए ॥ ५२ ॥ दस वाससहस्साईं तेऊए विई जहन्निया होइ । पुन्नददी पलिओम सङ्घभागं च उक्कोसा ॥५३॥ जा तेऊए ठिई खलु उक्कोसा सा उ समयमब्भहिया । जहनेणं पम्हाए दस उ मुहुत्ताहियाइ उक्कोसा ॥५४॥ जा पहाए ठिई खलु नकोसा साउ समयमन्नहिया । जहन्नेणं सुक्काए तेत्तीस मुहुत्तमब्जहिया ॥ ५५ ॥ किएहा नीला काऊ तिन्नि वि एयाओ मलेसाखो। एयाहि तिहि वि जीवो दुग्गई उवत्रई ॥ ५६ ॥ तेऊ पहा सुक्का तिन्नि वि एया धम्मलेसाखो । एयाहि तिहि वि जीवो सुग्गई उववई' ॥ ५७ ॥ ૨ ૨ १ Ch ( चा. ) अहम्म. २ Ch. (चा.) ई. 4. ( आ. मां धारे) add बहुसो.
SR No.022575
Book TitleUttaradhyayan Sutra Mul Path
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJivraj Ghelabhai Doshi
PublisherJivraj Ghelabhai Doshi
Publication Year1925
Total Pages206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy