________________
पमा यद्वाणं.
दोसस्स हेजं मणुन्नमाहु जावेसु जो गिद्धमुवेइ' तिद्वं कालियं पावइ से विणासं । रागारे कामगुणेसु गिद्धे करेणुमग्गावहिए व नागे जे यावि दोसं समुवे तिव्बं तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं । दुद्दन्तदोसेण सएण जन्तू न किंचि जावं एगन्तरते रुइरंसि जावे तालिसे से कुणई पछोसं । दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले न लिप्पई तेण मुणी विरागो जावाणुगासाणुगए य जीवे
वरुज्जई से
चराचरे हिंसइ गरूवे । चित्तेहि ते परितावेइ बाले
पीलेइ त्तगुरु किलिट्टे भावाणुवाएण परिग्गढेप उपाय रक्खण सन्नियोगे । वए विओगे य कहं सुहं सेसंभोगकाले य तित्तलाने
भावे अतित्ते य परिग्गहंमि
१५९
॥ ८८ ॥
॥ ८९ ॥
॥ ९० ॥
॥ ९१ ॥
॥ ९२ ॥
॥ ९३ ॥
१ Ch. ( चा, ) गेहि ं• A. (आ) गिदु. २ Ch. ( चा
गजे वा.