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________________ नायाधम्मकहाओ [11.46विसज्जेइ । तए णं से पंथए भोयणपिडेयं गहाय चारगसालाओ पडिनिक्खमइ २ रायगिहं नयरं मझमज्झणं जेणेव सए गिहे जेणेव भद्दा सत्थवाही तेणेव उवागच्छइ २ भदं सत्थवाहिणिं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए! धणे सत्थवाहे तव पुत्तघायगस्स जाव पञ्चामित्तस्स ताओ विपुलाओ असणाओ ४ संविभागं करेइ । (46) तए णं सा भद्दा सत्थवाही पंथगस्स दासचेडगस्स अंतिए एयमहँ सोच्चा आसुरुत्ता रुट्ठा जाव मिसिमिसेमाणी धणस्स सत्थवाहस्स पओसमावज्जइ । तए णं से धणे सत्थवाहे अन्नया कयाई मित्तनाइ. नियगसयणसंबंधिपरियणेणं सएण य अत्थसारेणं रायकज्जाओ अप्पाणं मोयावेइ २ चारगसालाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव अलंकारियसभा तेणेव उवागच्छइ २ अलंकारियकम्मं करावेइ २ जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ २ अंह धोयमैट्टियं गेण्हइ पोक्खरिणी ओगाहइ २ जलमजणं करेइ २ पहाए कयबलिकम्मे जाव रायगिहं नगरं अणुप्पविसइ २ रायगिहस्स नगरस्स मज्झमझेणं जेणेव सए गिहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासित्ता रायगिहे नयरे बहवे नियगसेट्ठिसत्थवाहपभिइओ आढ़ति परियाणंति सकारेंति सम्माणेति अब्भुट्ठति सरीरकुसलोदंतं संपुच्छंति । तए णं से धणे सत्थवाहे जणेवे सए गिहे तेणेव उवागच्छइ । जाविय से तत्थ बाहिरिया परिसा भवइ तंजहा - दासा इ वा पेस्सा इ वा भियगा इ वा भाइल्लंगा इ वा सा वि य णं धणं सत्यवाहं एज्जमाणं पासइ २ पायवडिया खेमकुसलं पुच्छइ । जावि य से तत्थ अभितरिया परिसा भवइ तंजहा -माया इ वा पिया इ वा भाया इ वा भइणी इ वा सावि य णं धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ २ आसणाओ अब्भुढेइ २ कंठाकंठियं अवयासिय बाहप्पमोक्खणं करेइ । सए णं से धणे सत्थवाहे जेणेव भद्दा भारिया तेणेव उवागच्छइ । तए णं सा भहा धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ २ नो आढाइ नो परिमाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया परम्मुही संचिट्ठइ । तएणं से धणे सत्यवाहे भाई भारियं एवं बवासी-कि तुम देवाणुप्पिए !
SR No.022565
Book TitleNayadhamma Kahao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN V Vaidya
PublisherN V Vaidya
Publication Year1940
Total Pages254
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size20 MB
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