________________
-XVI.1251 नायाधम्मकहाओ
181 हयगय० कंपिल्लपुरं मझमज्झेणं निग्गच्छइ जेणेव सयंवरामंडवे जेणेव वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा तेणेव उवागच्छइ २ तेसिं वासुदेवपामोक्खाणं करयल जाव वद्धावेत्ता कण्हस्स वासुदेवस्स सेयवरचामरं गहाय उववीयमाणे चिट्ठा।
___(124) तए णं सा दोवई २ कल्लं जाव जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ २ मज्जणघरं अणुपविसइ २ हाया कयवलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाई वत्थाई पवरपरिहिया मजणघराओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव जिणघरे तेणेव उवागच्छइ २ जिणघरं अणुपविसइ २ जिणपडिमाणं आलोए पणामं करेइ २ लोमहत्थयं परामुसइ एवं जहा सूरियाभो. जिणपडिमाओ अबेइ तहेव भाणियव्वं जाव धूवं डहइ २ वामं जाणुं अंचेइ दाहिणं जाणुं धरणितलंसि निहट्ट तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि नेमेइ २ ईसिं पच्चुन्नमइ २ करयल जाव कटु एवं वयासी- नमोत्थु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं वंदइ नमसइ २ जिणघराओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव अंतेउरे तेणेव उवागच्छइ । ... (125) तए णं तं दोवई २. अंतेउरियाओ सव्वालंकारविभूसियं करेंति । किं ते ? वरपायपत्तनेउरा जाव चेडियाचकवालमहयरगविंद. परिक्खित्ता अंतेउराओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ किडावियाए लेहियाए सद्धिं चाउग्घंटं आसरहं दुरूहइ । तए णं से धट्ठजुणे कुमारे दोवईए कन्नाए सारत्थं करेइ । तए णं सा दोवई २ कंपिल्लपुरं मझमझेणं जेणेव सयंवरामंडवे तेणेव उवागच्छइ २ रहे ठावेइ रहाओ पञ्चोरुभइ २ किड्डावियाए लेहियाए साद्धं सयंवरमंडवं अणुपविसइ करयल जाव तोस वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायवरसहस्साणं पणामं करेइ । तए णं सा दोवई २ एगं महं सिरिदामगंडं० किं ते ? पाडलमल्लियचंपय जाव सत्तच्छयाईहिं गंधद्धाणं मुयंत परमसुहफासं दरिसणिजं गेण्हइ । तए णं सा किड्डाविया सुरूवा जाव वामहत्थेणं चिल्लगं दप्पणं गहेऊण सललियं दप्पणसंकंतबिंबसंदसिए य से दाहिणेणं हत्थेणं दरिसए पवररायसीहे फुड