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[ ६६ । नय उनसे भिन्न नहीं, अतः उनकी गणना नहीं हो
सकतीं। प्रश्न-द्रव्य किसे कहते हैं ? उत्तर-मूल पदार्थ को द्रव्य कहते हैं। प्रश्न-और पर्याय ? उत्तर-द्रव्य के परिणाम को पर्याय कहते हैं। .. प्रश्न- क्या किसी वस्तु का सर्वथा नाश या उत्पत्ति संभव है ? उत्तर-नहीं। प्रश्न-नया भास से क्या तात्पर्य है ? उत्तर-वस्तु के किसी धर्म विशेष को स्वीकार करके उसके अन्य
धों को स्वीकार न करने वाली दृष्टि--नया भास है। प्रश्न-नय के कितने भेद हैं ? उत्तर-सात । प्रश्न-उनके नाम क्या है ? उत्तर-१ नैगम, २ संग्रह, ३ व्यवहार, ४ ऋजुसूत्र, ५ शब्द, ६.
____समभिरूढ़ और ७ एवंभूत । प्रश्न-इन में द्रव्यार्थिक कौन से हैं और पर्यायाथिक कौन से ? उत्तर-पहले चार द्रव्यार्थिक हैं और शेष तीन पर्यायाथिक । प्रश्न-नैगम नय का क्या स्वरूप है ? उत्तर-यह नय वस्तु को सामान्य, विशेषादि ज्ञान के जरिये नहीं
किन्तु उसको सामान्य विशेषादि अनेक रूप से मानता
है। जैसे-मैं लोक में रहता हूँ। प्रश्न - और स्पष्ट कीजिये। उत्तर-जब कोई पूछता है कि - तुम कहाँ रहते हो तो कहा जाता
है कि-लोक में। फिर जब पूछता है कि किस लोक में ? तो उत्तर देते हैं-भरतखण्ड में । फिर किस देश में ? तो उत्तर देते हैं-गुजरात में। इस प्रकार नैगम नय