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________________ अंचलगच्छ स्थापक आर्यरक्षितसूरि पुस्तकोद्धार खाताना पडतर कोमते वेचाता तैयार जैन ग्रंथो. उपदेशचिंतामणी सटीक-कर्ता जयशेखरसूरि-भाषांतरसहित . कुल पृष्ट २४००-(चारे भाग साथे मोकलवामां आवे छे) रु. 20 श्रीआदिनाथजीनो रास-(कर्ता दर्शनसागर उपाध्यायजी --पृष्ट ८००)....रु. 1 श्रीपालराजानो रास-कर्ता न्यानसागरजी. अर्थसहित-पृष्ट 300) .... .... रु. 2 वर्धमानपमसिंह चरित्र-काव्यबद्ध-भाषांतर सहित .... रु. 1 __ , , , , , बुक बांधेली रु. 2 // कल्पसूत्र-(मूळ (बारसो) .... .... .... .... रु. 2 अंचलगच्छनी महोटी पटावली (गुजराती भाषा अने गुजराती ___टाइपमा चोपडी आकारे ) .... .... .... रु. 5 अंचलगच्छी पंचपतिक्रमण-(गुजराती टाइपचोपडी आकारे) .... .... .... रु. 1 // (दरेकर्नु टपाल खर्च जू९ समजवू) पुस्तको मलवानुं ठेकाणु: वोठलजी हीरालाल लालन. सूर्योदय प्रिन्टिंग प्रेस-जामनगर.
SR No.022549
Book TitleDhammilkumar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayshekharsuri, Vitthalji H Lalan
PublisherVitthalji H Lalan
Publication Year1930
Total Pages548
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size32 MB
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