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________________ 5. राष्ट्रिय खगः 6. राष्ट्रिय पशुः 7. राष्ट्रिय खेलः राष्ट्रिय पुष्पम् जन-गण-मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता । पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग, विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधितरंग, तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष माँगे, गाहे तव जय गाथा । जन-गण-मंगलदायक जय हे. भारत भाग्य विधाता । जय हे जय हे जय हे। जय जय जय जय हे, भारत भाग्य विधाता । दृढ मातृभूमि पितृभूमिः पुण्यभूमि कर्मभूमिः अधिक संकल्प उच्च राष्ट्रदेवः परिचयः निम्नलिखित एतेषाम् अधिकतरं ज्ञानं वयं विन्दाम । बुद्धिमत्तराः जनाः एव स्वस्य देशस्य सेवां कर्तुं समर्थाः भवन्ति । = मज़बूत |||||||| || || || || || = = = = मयूरः सिंह: हॉकी कमलम् = कर्मभूमि शब्दार्थाः मातृभूमि पितृभूमि पवित्र भूमि ज़्यादा पक्का इरादा ऊँचा (high) राष्ट्र को देवता मानने वाला (one who regards the nation as 'god) परिचय = नीचे लिखा कुर 60 (strong) OTH (motherland) (fatherland) (sacred land) (land of actions) (more) (determination) (introduction, basic information) (undermentioned) Fy
SR No.022546
Book TitleSanskrit Sopanam Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Gambhir
PublisherPitambar Publishing Company
Publication Year2003
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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