________________
एक स्वीकार करो बन्दन मेरा
* स्वीकार करो वन्दन मेरा *
हे पार्श्व प्रभो! हे सुखदाता , स्वीकार , करो वन्दन - मेरा । तव चरित पतित - पावन जग में , मेटो भवबन्धन , का फेरा ॥
अश्वसेन पिता तव बड़भागी , वामादेवी माता प्यारी , तव दर्शन - स्पर्शन हितकारी , जन-जन को प्रभु मंगलकारी । मेरे मन में खिली मंगल क्यारी , स्वीकार करो वन्दन मेरा ।।
प्रभो! आप ही पुरुषादानी हैं , अष्टोत्तर शत नामे ख्याति है , तव वाणी से ही जग में प्रभो ! सत्य - सुधा संचार हुआ । पद्मावती पूज्य हे पार्श्व प्रभो ! स्वीकार करो वन्दन मेरा ॥ - . -..... [ ४ ] भक्तों के श्रद्धा - केन्द्र महा , हे नागेश्वर ! जगहितकारी , दर्शन से धन्य हुमा हूँ मैं , उद्योत हुमा अन्तस् भारी । मनमन्दिर में नित - वास करो , स्वीकार करो वन्दन मेरा ॥