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________________ [ ४५ से किं तं ओराला तसा पाणा ? चउव्विहा पण्णत्ता, जहा - बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचेंदिया | छाया प्रश्न - - वह बड़े त्रसजीव कौन से होते हैं ? उत्तर - वह चार प्रकार के कहे गये हैं - द्वीन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चौइन्द्रिय और पंचेन्द्रिय । द्वितीयाध्यायः जीवाभिगम प्रतिपत्ति १ सूत्र २७ अथ किं ते उदाराः साः प्राणिनः १ चतुर्विधाः प्रज्ञप्तास्तद्यथाद्वीन्द्रियाः, श्रीन्द्रियाः, चतुरिन्द्रियाः पञ्चेन्द्रियाः । "" - २. १५ कति णं भंते! इंदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचेदिया पण्णत्ता । पञ्चेन्द्रियाणि । " प्रज्ञापना सूत्र १५ इन्द्रियपद उद्दे० १ सू० १९१ छाया— कति भदन्त ! इन्द्रियाणि प्रज्ञप्तानि । गौतम ! पञ्चेन्द्रियाणि प्रप्तानि । छाया प्रश्न -भगवन् ! इन्द्रियां कितनी बतलाई गई हैं ? उत्तर - गौतम ! इन्द्रियां पांच बतलाई गई हैं। "" द्विविधानि । " २. १६ कइविहा णं भंते! इंदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- दव्विंदिया य भावव्विंदिया य । प्रज्ञापना पद १५ उद्देश्य १ कतिविधानि भदन्त ! इन्द्रियाणि प्राप्तोनि १ गौतम ! द्विविधानि तद्यथा - द्रव्येन्द्रियाणि च भावेन्द्रियाणि च । प्रश्न - - भगवन् ! इन्द्रियां कितने प्रकार की बतलाई गई हैं ?. उत्तर - गौतम ! इन्द्रियां दो प्रकार की बतलाई गई हैं- द्रव्येन्द्रिय और भावेन्द्रिय ।
SR No.022531
Book TitleTattvartha Sutra Jainagam Samanvay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Maharaj, Chandrashekhar Shastri
PublisherLala Shadiram Gokulchand Jouhari
Publication Year1934
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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