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जैन धर्म-दर्शन : एक अनुशीलन
34. आचारांग सूत्र, 1.1.2.14, पृष्ठ-9 35. प्रश्नव्याकरण, 1.1.18, पृष्ठ-23 36. स्वयम्भूस्तोत्र, 21.4, स्वयम्भूस्तोत्र तत्त्वप्रदीपिका, श्री गणेशवर्णी दिगम्बर जैन संस्थान,
वाराणसी, 1993 37. प्रश्नव्याकरण, 2.1.109, पृष्ठ-167 38. तत्त्वार्थसूत्र, 5.21 39. धवला, पुस्तक 13, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर पृष्ठ-362 40. (अ) तदेवं प्रशमसंवेगनिर्वेदानुकम्पास्तिक्याभिव्यक्तिलक्षणं तत्त्वार्थश्रद्धानं
___ सम्यग्दर्शनम् ।- सभाष्यतत्त्वार्थाधिगम सूत्र 1.2, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास
(ब) प्रशमसंवेगानुकम्पास्तिक्याभिव्यक्तिलक्षणं सम्यक्त्वम्।-धवला, 1.1.4, शोलापुर 41. (अ) धम्मो दयाविसुद्धो।- बोधपाहुड, 25, अष्टपाहुड,
श्री सेठी दिगम्बर जैन ग्रंथमाला, मुम्बई (ब) धम्मो दयापहाणो। - कार्तिकेयानुप्रेक्षा, 97, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम,
अगास, 1990 42. सव्वजगजीवरक्खणदयट्ठयाए पावयणं भगवया सुकहिय।- प्रश्नव्याकरण, 2.1.112
मित्तिं भूएसु कप्पए। - उत्तराध्ययन सूत्र, 6.2 44. अहिंसा के सकारात्मक पक्ष की प्रस्तुति के लिए द्रष्टव्य पुस्तक -“सकारात्मक अहिंसाः
शास्त्रीय और चारित्रिक आधार" - कन्हैयालाल लोढ़ा, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर, 2004
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