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जैन धर्म-दर्शन : एक अनुशीलन
20. लघीयस्त्रय, 2.1, अकलङ्कग्रन्थत्रयम्, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, 1939 21. प्रमाणसमुच्चय टीका, रंगास्वामी अयंगर, मैसूर, पृ.6 22. न्यायबिन्दु 1.15 न्यायबिन्दुटीका सहित, साहित्य भण्डार, मेरठ, 1975 23. परीक्षामुख 4.2, स्याद्वादमहाविद्यालय, काशी 24. स्याद्वादरत्नाकर, भारतीय बुक कार्पोरेशन, दिल्ली 1988, पृ. 726 25. प्रमाणमीमांसा 1.1.33 26. प्रमाणमीमांसा 1.1.33 27. अन्ययोगव्यवच्छेद द्वात्रिंशिका 18 28. सिद्धिविनिश्चयटीका 2.12, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी 29. लघीयस्त्रयवृत्ति 7, अकलङ्कग्रन्थत्रय, पृ. 3-4 30. अनेकान्तजयपताका, भाग 2, गायकवाड ओरियण्टल सीरीज, बडौदा, पृ. 236 31. प्रमाणमीमांसा, पृ. 65 32. स्वयम्भूस्तोत्र, 54 33. स्वयम्भूस्तोत्र, 21 34. The Jaina Philosophy of Non-absolutism, Motilal Banarasidass, Delhi,
1978, pp. 36-37 35. अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका, 27 36. आप्तमीमांसा, 40-41 37. सन्मतितर्क का प्रसिद्धश्लोक जो कुछ प्रतियों में उपलब्ध है। 38. सप्तभङ्गीतरंगिणी, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, अगास, पृ. 89