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नीचे लिखे सनातनजेनग्रंथ हमारे पास मिलते हैं।
महापुराण (जिनसेनाचार्यकृत आदिपुराण) हिंदी
अनुवाद सहित सदशः प्रकाशित होता है । अमेयकमलमार्तड न्याय-प्रमाहाचार्यकृत परीक्षामुख न्याय प्रमेयरत्नमाला टीका ) सनातनजेन ग्रंथमालाः प्रथमागुच्छक इसमें
रजकरण्डश्रावकाचार, पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, आत्मानुशासन, समाधिशतक, नयविवरण युक्त्यनुशासन, तत्त्वार्थसूत्र (मोक्षशान) तत्त्वार्य सार, अध्यात्मतरंगिणी (समयसारके कलशे) वृहत्वयंभूतात्र, आप्तपरीक्षा, आप्तमीमांसा सटीक, परीक्षामुख और आलापपद्धति इस ।
प्रकार १४ ग्रंथ छपे है रेशमी गुटका ) जिनशतक सटीक-भगवत्सनंतभद्राचार्यकृत ) सुभाषितरत्नसंदोह-अमितिगत्याचार्यकृत इसमें
२३ विषयोंका अपूर्व वर्णन व उपदेश है ) जीवधरचंपूकाव्य-मारहरिचंद्रस्य क्षत्रचूड़ामणि-दो टीकासह वादीमारिहरिकृत 112 नेमिनिर्वाण काव्य-महाकवि वाग्मकृत काव्यानुशासन सटीक
12) वाग्भट्टालंकार सटीक
D अलंकारार्चितामाणि-भजितसेनाचार्यकृत चंद्रप्रमचरित-महाकाव्य वीरनंदी कृत धर्मशाम्युदय-भट्ठारहरिनंदरा
१) द्विसंधानमहाकाव्य-सटीक धनंजयकर । यशतिलकचंपूकाव्य-सटीक महाकवि सोमदेव
सूरिकृत प्रथम खंड ३) उत्तरखंड मूल २) पाश्चाभ्युदय सटीक-महाकवि श्रीजिनसेनाचार्य ।
कृत इसमें मेघदूत के प्रत्येक लोकके प्रत्येक पाद
गोमसार-कर्मकांड) हिंदी टीकासहित प्रवचनसार सस्कृत हिंदी टोकासहित न्यायीपिका-हिंदी टीकासह पुरुषासिघ्युपाय-हिंदी टोकासह वृहद्रव्यसंग्रह-सटीक व हिंदी टीका सहित ) शानार्णव-(योगप्रदीप) हिंदी टीका सहित सप्तभंगीतरंगिणी-हिंदी टीका सह पंचास्तिकाय समयसार-हिं. टी० सह समयसार-कुंदकुर्द खामीकृत हिंन्टी सह विश्वलाचनकोश-श्रीवरसेनकृत हिंटी०स०१) शाकटायन प्रक्रियासंग्रह अभयचंद्र कृत ) भगवती आराधनासार-प्रा. ईि०टी०स०४) षटपाड कुंद कुंदाचार्य-कृत धर्मसंग्रहश्रावकाचारपरमात्माप्रकाश प्राकृत गणरत्नमहोदधि-(शब्दार्णवष्ठा गणपाठ) नीतिवाक्यामृतं.सोमदेवसूरिकृत, यशोधरचरित काव्य-वादिराजसूरिकृत गचितामणि-वादीमसिंहसरि कृत रत्नकरंड श्रावकाचार-सान्याथे। द्रव्यसंग्रह-सान्यार्थ मक्तामरस्तोत्र-आदिनाथस्तोत्र सान्वयार्थ भट्टाकलंकचरित्र-और सकलंकस्तोत्र हिंदी ) सूक्तमुक्तावली-हंदी पद्य व सान्वयार्य बारसअणुवेक्वा कुंदकुदखामी कृत हिंदी ) जैननित्यपाठसंग्रह-१६ पाठोंका गुटका 10) प्राणप्रियकाव्य-मकामरस्तोत्रकी समस्यापूर्ति) भद्रबाहुचरित्र-हिंदीभाषाअनुवाद सहित ) वसुनश्रिावकाचार प्राकृत
) प्रश्शात्तररत्नमालिका-महाराज अमोघवर्ष तक) मोक्षशाखा तत्त्वार्थसूत्र) मूल इ नके सिवाय हिंदीभाषामें अनेक ग्रंथ मिलते हैं)
मिलनेका पतापैनेजर-श्रीजैनग्रंथरनाकर कार्यालय
हीराबाग-पोष्ट-गिरगांव (जंबई ) |
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जीचंघरचरित्र-भगवद्गुणभद्राचार्य कृत पचाध्यायी-जनसिद्धांतोंका अपूर्व
ग्रंथ मोक्षशाा -(जैनदर्शन) हिंदीटीकासह उमास्वामीury जिनसहस्रनाम-जिनसेन और आशाधरकृत गामसार-जीवकांड) उत्यानिका मलगाथा
और संस्कृत छाया अहित (गुटका)