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श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला-ग्रन्थाङ्क-१०५ ।
श्री महावीरजिनेन्द्राय नमः । पू. आ. श्री विजयामृतसूरिभ्यो नमः । जगद्गुरु श्री होरविजयसूरिविनेयश्रीमच्छुभविजयगणि-प्रणीता स्यादवादभाषा
म
हालारदेशोद्धारक पूज्याचार्यदेव श्रीमद् विजयामृत
संपादक
सूरीश्वर पट्टधरः पू. आ. श्री विजयजिनेन्द्रसूरिवरः रामचन्द्रसूरीश्वराज्ञानुयायिविद्वान पू. मनिराज तपागच्छाधिराजपूज्याचार्यदेवेश श्रीमद्विजय
ज श्रीमद-क्षयविजयोपदेशेन श्री पीपलगांव बसवंत श्वे. मू. जैन सङ्घ प्रदत्तज्ञानद्रव्यसहायतः ।
पामृत जैन ग्रन्थमाला
प्रकाशिकालाखाबावल-शांतिपुरी ( सौराष्ट्र )
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