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________________ Addadimaandaadlaadlabadastaadaana प्राचार्य श्री लावण्यसूरि जी जैन प्राराधना भवन साहित्यसम्राट् प. पू. प्राचार्यदेवेश श्रीमद् विजय लावण्यसूरीश्वर जी म.सा. की पावन स्मृति में बन रहे आराधना भवन में गुरु भगवन्तों का विश्राम होगा, यहाँ शान्त साधनामय वातावरण है जिससे अनेक तीर्थयात्रियों को गुरुवन्दन एवं प्रवचन-श्रवण का लाभ होगा। इसी पाराधना भवन के साथ श्री दक्ष स्वाध्याय कक्ष, 46 श्री सुशील साधनाकक्ष आदि का निर्माण हुआ है । Inamdandidaadaldandalaandaadaadism प्राचार्य श्री सुशील सूरि जी जैन ज्ञानमन्दिर * इस ज्ञानमन्दिर का निर्माण परम पूज्य साधु-साध्वी जी म.सा. तथा जिज्ञासु श्रावक-श्राविकाओं की साहित्य-साधना के लिए होगा। * यहाँ लभ्य-अलभ्य मुद्रित पत्रों, पुस्तकों का विशिष्ट संग्रह होगा। अागम-न्याय-दर्शन-योग-व्याकरण, इतिहास आदि विषयों से सम्बन्धित हस्तलिखित एवं मुद्रित प्राचीन व नवीन ग्रन्थों का अद्भुत संग्रह सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित किया जायेगा। जैन परम्परा के अनुरूप जैन इतिहास के संदर्भ में गीतार्थ, मिश्रित शोध अध्ययन संशोधन हेतु यथासंभव land dalalalalalaldabaadhaadaadialis surwisrwww(११)wwwwwwwwwww
SR No.022444
Book TitleVishva Kartutva Mimansa Evam Jagat Kartutva Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri, Jinottamvijay
PublisherSushil Sahitya Prakashan Samiti
Publication Year1996
Total Pages116
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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