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शुभदिन हुआ है एवं शिलान्यास मुहूर्त श्रावण शुक्ल-३, बुधवार १० अगस्त, १६६४ के शुभ दिन पूज्य गुरुदेवश्री । की पावन निथा में सुसम्पन्न हुआ है। निर्माण कार्य प्रगति पर है।
श्री अष्टापद जैन तीर्थ मन्दिर के आगे के भाग में पद्म-कमल के आकार में सुन्दर देहरियों का निर्माण होगा, र जिनमें अधिष्ठायक देव श्री माणिभद्र जी, श्री नाकोड़ा दो भैरव जी, श्री भोमिया जी, श्री पद्मावती देवी, श्री महालक्ष्मी देवी, व मा. सरस्वती देवी की भव्य प्रतिमाएँ स्थापित होंगी।
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(२) श्री वर्धमान जिन पट्टपरम्परा देव-गुरु मन्दिर ।
वर्तमान शासनाधिपति चरम तीर्थंकर श्रमण भगवान श्री महावीर परमात्मा के पञ्चम गणधर श्री सुधर्मास्वामी जी से लेकर आज पर्यन्त जिनशासनप्रभावक महापुरुषों से युक्त श्री वीर पट्टपरम्परा के सुन्दर पट्ट लगाये जायेंगे, इस परिसर में कुल ११ प्रतिमाजी विराजमान की जायेंगी। * श्रमण भगवान श्री महावीर स्वामी जी भगवान
(२७ इंच) * दायें तरफ श्री सीमन्धर स्वामी जी __(विहरमान जिनेश्वर) (२३ इंच) wwwwwws(७)wwwwwwre