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श्रीनेमि-लावण्य-दक्ष-सुशीलनान्धमालारत्म-४५ मुं.
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कभी-षड्दर्शन-दर्पणम्
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विरचितंश्रीजैनधर्म दिवाकर-शासनरत्न-तीर्थप्रभावक-राजस्थानदीपक-मरुधरदेशोद्धारक-शास्त्रविशारदसाहित्यरत्न-कविभूषणेति पदसमलकुकृतेन
श्रीमद्विजयसुशीलसूरिणा।
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-: प्रकाशिका :श्रीज्ञानोपासक समिति :
बोटाद, सौराष्ट्र गुजरात