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( १५१ ) अर्थों का बोध क्रम से होता है अतः उन अर्थों में हरि शब्द की शक्ति भिन्न-भिन्न मानी जाती है और उन अर्थो में हरि शब्द नानार्थक माना जाता है । किन्तु जिस शब्द से जिन अर्थों का बोध क्रम से न होकर एक साथ ही होता है उन अर्थों में उस शब्द की भिन्न-भिन्न शक्ति न मान कर एक ही शक्ति मानी जाती है और उन अर्थों में वह शब्द एकार्थक माना जाता है, जैसे पुष्पवन्त शब्द से चन्द्र और सूर्य का बोध क्रम से न होकर एक साथ ही होता है अतः चन्द्र, सूर्य दोनों में पुष्पवन्त शब्द की एक ही शक्ति मानी जाती है और वह शब्द उन अर्थों में एकार्थक माना जाता है। ठीक उसी प्रकार द्रव्य शब्द से उत्पत्ति, विनाश और ध्रौव्य का बोध क्रम से न होकर नियमेन एक साथ ही होता है । अतः उन तीनों अर्थों में द्रव्य शब्द की भिन्न-भिन्न शक्ति न होकर एक ही शक्ति होगी और द्रव्य शब्द उन अर्थो में नानार्थक न होकर एकार्थक ही होगा।
प्रश्न का दूसरा अंश यह है कि पुष्पवन्त शब्द एक शक्ति से दो अर्थों का बोधक होने से जैसे नियमेन द्विवचनान्त ही होता है उसी प्रकार एक शक्ति से उत्पत्ति आदि तीन अर्थों का बोधक होने के कारण द्रव्य शब्द नियमेन बहुवचनान्त ही क्यों नहीं होता ? इसका उत्तर इस प्रकार है -
शब्दों के साथ वचन-प्रयोग के दो कारण होते हैं- व्याकरण का कोई विशेष अनुशासन अथवा शब्दार्थ की संख्या बताने का उद्देश्य । व्याकरण के विशेष अनुशासन से जो वचन प्रयुक्त होते हैं उन पर शब्दार्थ की संख्या बताने का कोई भार नहीं होता। इसी लिये एक जल के लिये भी बहुवचनान्त अप शब्द का तथा एक स्त्री के लिये भी बहुवचनान्त दार शब्द का प्रयोग प्रामाणिक माना जाता है। किन्तु जो वचन दूसरे कारण से प्रयुक्त होते हैं उन पर शब्दार्थ की विवक्षित संख्या का नियन्त्रण होता है और उन्हें शब्दार्थ की उस संख्या को बताना अनिवार्य है जो शब्द की प्रवृत्ति के निमित्तभूत धर्म से व्याप्य होती है । जैसे घट शब्द के साथ प्रयुक्त बहुवचन से घट शब्द की प्रवृत्ति के निमित्त भूत घटत्व से व्याप्य घटशब्दार्थ के ही बहुत्व का बोध होता है न कि घट, पट और मठ इन विभिन्न शब्दार्थो के बहुत्व का । द्रव्य शब्द के साथ बहुवचन विभक्ति का ही प्रयोग हो, इस प्रकार का व्याकरण का कोई विशेष अनुशासन नहीं है अतः उसके कारण द्रव्य शब्द को नियमेन बहुवचनान्तता नहीं प्राप्त हो सकती । दूसरे कारण से भी द्रव्य शब्द नियमेन बहुवचनान्त नहीं हो सकता क्योंकि उस स्थिति में द्रव्य शब्द के साथ प्रयुक्त होने वाले बहुवचन को द्रव्य शब्दार्थ में बहुत्व संख्या का बोध कराना अनिवार्य होगा और उसका परिणाम यह होगा कि एक द्रव्य के लिए द्रव्य शब्द का प्रयोग असम्भव हो जायगा